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नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रेट प्राइम मिनिस्टर बताने के बाद सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत 140 करोड़ लोगों का देश है और इस देश में ऐसे तमाम प्रधानमंत्री हुए हैं, जिन्होंने अपनी गंभीरता और मजबूती के साथ कभी समझौता नहीं किया। प्रधानमंत्री छोटी-छोटी घटनाओं से इतना प्रभावित न हों, ऐसा चलता रहता है।
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने रविवार को समाचार न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, ट्रंप भगवान नहीं है कि वह आपकी तारीफ करें, आपकी तरफ देखकर मुस्कुरा दें तो देश का कल्याण हो जाएगा। ट्रंप पहले आपकी बुराई करते थे और अब सराहना कर रहे हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। इसलिए एक मजबूत प्रधानमंत्री के अपने व्यवहार को बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं। देश के स्वाभिमान के प्रतीक हैं, इसलिए मैं नहीं मानता कि अगर ट्रंप थोड़ी सी सराहना कर दें तो प्रधानमंत्री प्रसन्न हो जाएं और बुराई कर दे तो रोस्ट हो जाएं। यह आचरण प्रधानमंत्री का नहीं होना चाहिए।
उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा द्वारा अपने सांसदों के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला पर सपा सांसद ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, अन्य पार्टियां भी कार्यशालाएं करती हैं, लेकिन हमारी कार्यशालाएं राजनीतिक मुद्दों पर होती हैं। भाजपा की यह कार्यशाला एक मॉडल क्लास जैसी है, जिसमें यह सिखाया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट कैसे डाला जाएगा। कई सांसद पहली बार चुनकर आए हैं, इसलिए उन्हें इसका पैटर्न पता होना चाहिए ताकि कोई गलती न हो, क्योंकि यह चुनाव गोपनीय होता है।
जीएसटी दरों में कटौती पर केंद्र सरकार को घेरते हुए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि जब भी सरकार को सद्बुद्धि आ जाएगी, हम उसका स्वागत करेंगे, लेकिन इसका असली श्रेय विपक्ष को जाता है। हम विपक्षी दल लगातार आम उपभोक्ता की वस्तुओं पर लगाए गए टैक्स का विरोध कर रहे थे।
सरकार ने दही, पनीर, पैकेट वाले आटे और मकान जैसी जरूरी चीजों पर टैक्स लगा दिया था। हमारे लगातार संघर्ष के बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा।
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने बिहार के नेता तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, यह निश्चित रूप से बिहार के साथ धोखा हुआ है। हमने देखा है कि जब-जब चुनाव आते हैं। केंद्र सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है। लाखों करोड़ के पैकेज का ऐलान करती है, लेकिन क्या बिहार में एक भी छोटी फैक्ट्री लगी? क्या वहां कोई औद्योगीकरण हुआ? डबल इंजन की सरकार का नारा सिर्फ गुजरात के विकास के लिए है, बिहार के लिए नहीं। बिहार की जनता समझ चुकी है कि असल मकसद बिहार में मजदूर पैदा करना है ताकि वे गुजरात की फैक्ट्रियों में काम कर सकें।
--आईएएनएस
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