नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा विधायक जगन्नाथ सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर हुई पथराव की घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अब पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं बचा है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी अब निरंकुश हो चुकी है। इस पार्टी को न लोकतंत्र से कोई लेना-देना है और न ही जनता के हितों से। ममता बनर्जी की पार्टी सिर्फ लोगों के हितों पर कुठाराघात करना और अपने मन मुताबिक काम करना जानती है। इसके अलावा, इन लोगों को किसी भी बात से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि वो पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप करें, ताकि राज्य में स्थिति दुरुस्त हो सके। उन्होंने दावा किया कि राज्य में अब स्थिति बदहाल हो चुकी है। ममता बनर्जी के शासनकाल में लोगों का जीना दुभर हो चुका है। अगर समय रहते केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आगामी दिनों में स्थिति और ज्यादा बदहाल हो सकती है।
भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बहुत कुछ देश के विरोध में हो रहा है। यहां की पुलिस भी ढंग से काम नहीं कर रही है। यहां की पुलिस भी अब ममता बनर्जी की पार्टी के इशारे पर काम कर रही है, जिन्हें जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। लेकिन, ऐसी स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर हम इस स्थिति को कब तक बर्दाश्त कर पाएंगे।
साथ ही, उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण को जरूरी बताते हुए कहा कि मौजूदा समय में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक हिंदुस्तान में रहते हैं। इतना ही नहीं, इन लोगों ने जाली दस्तावेज भी बना लिए हैं, जिसके आधार पर ये लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन लोगों को मताधिकार से वंचित करना जरूरी है और इसके लिए मतदान पुनरीक्षण जरूरी हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर इसे बिहार के अलावा अब पश्चिम बंगाल में भी शुरू करने की मांग उठ रही है, तो हम सभी को इसका स्वागत करना चाहिए ताकि यह पता लग सके कि यहां पर कौन-कौन फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर रह रहा है।
उन्होंने दावा किया कि अब इस तरह की प्रक्रिया ना महज हिंदुस्तान में बल्कि अमेरिका में भी शुरू होने जा रही है, क्योंकि लोग इसकी अहमियत को समझ रहे हैं।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि हमने देखा कि किस तरह से कुछ लोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे, तो कुछ लोग बांग्लादेश का। ऐसे में इन लोगों की पहचान होनी चाहिए, क्योंकि ये लोग राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ये लोग भारत की चुनाव प्रणाली को भी प्रभावित कर रहे हैं। वे भारत की राजनीति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अब अगर ऐसी स्थिति में मतदाता पुनरीक्षण को शुरू किया जा रहा है, तो इन लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?
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