मुंबई, 7 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 20 साल बाद मराठी विजय रैली में एक साथ मंच साझा किया। इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में सियासत तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जो काम बाला साहेब नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिया।
आनंद दुबे ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान बॉस होने के सवाल पर कहा कि भाई-भाई में कोई बॉस नहीं होता है। यह रिश्ता खून से नहीं, भावनाओं से होता है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों न सिर्फ भाई हैं, बल्कि पुराने साथी भी हैं। बीस साल बाद जब ये दोनों एक मंच पर आए, तो कई लोगों को तकलीफ होने लगी। जो काम बाला साहेब ठाकरे नहीं कर पाए वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिया। इसकी वजह से आशीष शेलार को तकलीफ हो रही है। आज दोनों भाई फिर से एक हुए हैं, यही असली शिवसेना की पहचान है।
भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, हमारे यहां कोई बॉस नहीं होता, बॉस उनके यहां होते हैं। मालिक अमित शाह हैं और गुलाम एकनाथ शिंदे हैं।
वहीं, पटना में बाबा बागेश्वर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनका सपना भगवा-ए-हिंद बनाने का है। भारत का पहला हिंदू राज्य बिहार होगा। इस पर आनंद दुबे ने कहा कि बिहार में जल्द चुनाव होने वाले हैं और सभी दल अपने-अपने ढंग से प्रचार करेंगे। भाजपा एक तरीका अपनाएगी, जेडीयू दूसरा, लेकिन यह देश सभी का है। “गर्व से कहो हम हिंदू हैं” का अर्थ यह नहीं कि मुसलमान, सिख, बौद्ध या किसी अन्य से नफरत करें। भारतीय संस्कृति “वसुधैव कुटुंबकम्” सिखाती है।
उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले को लेकर उन्होंने कहा कि मुंबई में उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है। किसी एक व्यक्ति की लड़ाई से पूरे 40 लाख उत्तर भारतीयों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हमारी पार्टी ने कभी जाति-धर्म में भेदभाव नहीं किया। जो भी मुंबई में रहता है, वह मुंबईकर है। यदि आप मुंबई में रहते हैं तो गर्व से कहिए मैं मराठी हूं। जैसे उत्तर प्रदेश-बिहार में खुद को बिहारी कहते हैं, वैसे ही जहां रहें वहां की भाषा, संस्कृति को अपनाना समझदारी है। हम सभी से प्रेम करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहलगाम में आतंकवादी हमले को पूरी मानवता पर हमला बताया है। इस पर आनंद दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री का अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करना स्वागत योग्य है। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में हमने पहले दिन से सरकार का समर्थन किया, क्योंकि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि अब भी बचे हुए आतंकवादियों का क्या होगा? घरेलू राजनीति और वैश्विक मंच पर राष्ट्रनीति अलग-अलग चीजें हैं। देशहित में हम एकजुट हैं, लेकिन घरेलू मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराना भी हमारा कर्तव्य है।
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