तेजस्वी यादव लोकतंत्र की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार न करें : राजीव रंजन

तेजस्वी यादव लोकतंत्र की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार न करें : राजीव रंजन

तेजस्वी यादव लोकतंत्र की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार न करें : राजीव रंजन

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IANS
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तेजस्वी यादव लोकतंत्र की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार न करे: राजीव रंजन

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 24 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए दर्ज एफआईआर पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता राजीव रंजन ने जोरदार निशाना साधते हुए नसीहत दी है कि वे लोकतंत्र की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार न करे। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव को एफआईआर से डर नहीं लगता है तो इसका अर्थ है कि उनका स्वभाव अराजक है, इसलिए उन्हें डर नहीं लगेगा।

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आईएएनएस से बातचीत के दौरान जदयू नेता ने कहा कि भारतीय कानून में कई प्रावधान हैं जो प्रधानमंत्री और अन्य संवैधानिक प्राधिकारियों के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों पर कार्रवाई की अनुमति देते हैं।

उन्होंने कहा कि जब भावनाएं आहत होती हैं, तो लोग एफआईआर दर्ज कराते हैं, और ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव को समन भी जारी होगा और उन्हें जवाब भी देना होगा।

जदयू प्रवक्ता ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर विपक्ष की आपत्तियों पर कहा कि एनडीए में आंतरिक लोकतंत्र है। एनडीए के घटक दल अपनी प्राथमिकताओं और मुद्दों को खुलकर साझा करते हैं, और आपसी समझदारी के साथ बातचीत होती है।

विपक्षी गठबंधन (इंडी अलायंस) पर तंज कसते हुए कहा कि उनके बीच तालमेल की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के राहुल गांधी और कांग्रेस पर दिए बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के विदेशों में दिए गए बयान और विवादास्पद पृष्ठभूमि वाले नेताओं से उनकी मुलाकातें भारत की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। समय-समय पर उनके द्वारा दिए गए बयान लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करते हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की मान्यता पर हमला करते हैं।

विपक्ष के हालिया मुद्दों पर उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में जनता राजनेताओं को रोल मॉडल के रूप में देखती है और उनसे प्रभावित होती है। अगर शीर्ष नेताओं पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है और वे जेल में हैं, तो उनके द्वारा जनता का नेतृत्व करना उचित नहीं है। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हवाला दिया, जिन्होंने जेल में रहकर दिल्ली की सरकार चलाई। लेकिन पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पद को भी इस बिल के दायरे में लाना सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जिससे जनता का भरोसा फिर से तंत्र में स्थापित हो सके।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बावजूद भारत ने अपने निर्यात को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक उपायों पर ध्यान दिया है। उन्होंने बताया कि भारत रूस से तेल खरीदता है, जिसे प्रसंस्करण के बाद विश्व भर में निर्यात करता है। साथ ही, भारत ने चीन और रूस के साथ संबंधों को नई ताजगी के साथ मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की प्रस्तावित चीन यात्रा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और जयशंकर-पुतिन मुलाकात जैसे कदम भारत की कूटनीतिक सक्रियता को दर्शाते हैं। टैरिफ की चुनौतियों के बीच भारत ने इन रणनीतियों के जरिए अपनी आर्थिक शक्ति को मजबूत किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत कभी निराश नहीं हुआ और यह एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है, जिसे अमेरिका या कोई अन्य देश कमजोर नहीं कर सकता।

--आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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