नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की तरफ से चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। तेजस्वी यादव के बयान की भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी निंदा की है।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव की तरफ से इस्तेमाल की गई भाषा अपमानजनक और असभ्य है। यह भाषा बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उन्हें ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।
उन्होंने बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कहा कि बिहार में कई ऐसे लोग रहे, जिन्होंने बिना किसी पात्रता के भी अपना पहचान पत्र बनवा लिया। ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों को चिन्हित करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी हो गया था। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाताओं के पुनरीक्षण का फैसला किया, ताकि पूरी स्थिति साफ हो सके। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर मुहर लगाई।
उन्होंने उत्तराखंड में ‘कालनेमि अभियान’ की शुरुआत किए जाने का स्वागत किया और कहा कि सनातन धर्म को लेकर जिस तरह से लोगों में आकर्षण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए फर्जी बाबाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। ऐसे में अगर उत्तराखंड सरकार ने ऐसे बाबाओं के खिलाफ नकेल कसने का काम किया है, तो यह बहुत ही अच्छा काम है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सभी बाबाओं को चिन्हित किया जा रहा है, जो व्यक्तिगत लाभ अर्जित करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार ऐसे सभी बाबाओं को चिन्हित करने की प्रक्रिया में जुटी है। यह बहुत ही अच्छा कदम है। इस तरह की कार्रवाई करके हम संत समाज को बचा सकते हैं।
उन्होंने आपातकाल पर कहा कि हम पर जुल्म किए गए। हमारे परिवारों पर अत्याचार किए गए। हमारे परिजनों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। हमें तरह-तरह की यातनाएं दी गई। आपातकाल के खिलाफ लड़ाई को आजादी की दूसरी लड़ाई भी कहा जाता है। उन दिनों हमारी आवाज को बंद किया गया था।
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