रांची, 18 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड में करीब एक हजार करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन घोटाले के सबसे बड़े आरोपी और साहिबगंज के शोभनपुर भट्ठा गांव निवासी राजेश यादव उर्फ दाहू यादव को रांची पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
दाहू यादव की ओर से दायर अग्रिम बेल याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे शुक्रवार को सुनाते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इससे तीन साल से फरार चल रहे दाहू यादव को बड़ा झटका लगा है। दाहू यादव पिछले तीन साल से ईडी, सीबीआई और पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बना है।
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2023 में उसे 15 दिनों में ईडी कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन वह गायब रहा। इस दौरान पुलिस और ईडी की टीम ने उसके ठिकानों पर 100 से अधिक छापे मारे थे, घर और संपत्तियों की कुर्की की, लेकिन दाहू की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
ईडी ने दाहू यादव और अन्य के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर रखा है। दाहू पहली बार ईडी के सामने 18 जुलाई 2022 को पेश हुआ था और अगले दिन मां की बीमारी का हवाला देकर निकल गया। इसके बाद वह कभी भी ईडी या कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ईडी कोर्ट से बार-बार समन और गिरफ्तारी वारंट निकलने के बावजूद दाहू फरार है।
दाहू यादव का नाम न सिर्फ अवैध खनन में बल्कि हत्या, अपहरण, लूट और रंगदारी वसूली जैसे दो दर्जन से अधिक मामलों में भी सामने आ चुका है। ईडी ने 8 जुलाई 2022 को दाहू और उसके नेटवर्क पर साहिबगंज, राजमहल, बड़हरवा, मिर्जाचौकी और बरहेट में छापे मारे थे, जिसमें 5.37 करोड़ रुपये कैश, 11.88 करोड़ बैंक खातों में जमा रकम और करीब 30 करोड़ का एक मालवाहक जहाज जब्त किया गया था। दाहू इसी जहाज से साहिबगंज से बिहार और बंगाल के लिए अवैध पत्थर और बालू भेजता था।
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