मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)। मुंबई बम ब्लास्ट, 2006 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रवक्ता वारिस पठान ने गुरुवार को इस मुद्दे पर सरकार के सिलेक्टिव नजरिए को बताया। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधते हुए मुसलमानों को ठगने का आरोप लगाया।
एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है, लेकिन यह भी साफ किया है कि इस मामले में आरोपियों को अभी फिर से जेल में डालने की जरूरत नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद बेगुनाह और बेकसूर लोग रिहा हो गए, जिनके खिलाफ तुरंत महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन हाई कोर्ट का जजमेंट 670 पेज का है। कोर्ट ने पूरे सबूतों को अच्छी तरह से संज्ञान में लिया है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि कबूलनामा दबाव में डालकर लिया गया था। मुझे यकीन है कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी इन चीजों को ध्यान में रखकर फैसला करेगा, तो उन्हें राहत मिलेगी। पूरा देश चाहता है कि आतंकवाद खत्म होना चाहिए, लेकिन धर्म के आधार पर नहीं। कानून सभी के लिए समान है।
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के रुख पर उन्होंने कहा, तथाकथित सेक्युलर पार्टियां, जो महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का भी हिस्सा हैं, उनकी हिपोक्रेसी पब्लिक के सामने उजागर हुई है। हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद वो आज के समय में तो रिहा हुए हैं, उन्हें बेकसूर समझा गया है, लेकिन विपक्षी पार्टी के नेता बोल रहे हैं, उन्हें तुरंत जेल में डाला जाए, तुरंत अपील की जाए और फांसी दी जाए। यही मुसलमानों का वोट लेकर वो सत्ता पर कई बार काबिज हुए। आज जब हाई कोर्ट ने 12 मुसलमानों को बेकसूर माना है, तो आप अपील की बात करते हैं। जनता सारी चीजें देख रही है और उन्हें इसका जवाब मिलेगा। विपक्षी पार्टियां भी सिर्फ मुसलमानों को ठगती हैं। जब उनका साथ खड़े होने का वक्त आता है, तो वो ही सबसे पहले पीठ में खंजर घोंपते हैं।
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