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CAA को लेकर क्या बोल गईं ममता बनर्जी? लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर की भविष्यवाणी

West Bengal: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश का सियासी पारा इस समय सातवें आसमान पर है...पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में CAA को लेकर बड़ा बयान दिया है.

Updated on: 31 Mar 2024, 08:14 PM

New Delhi:

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA ) लागू किया, जबकि संसद से यह कानून चार से पहले ही पास हो चुका था. सीएए में तीन देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए विदेशियों को भारत की नागरिका देने का एक ट्रैप है. देश में सीएए को एनआरसी लागू करने के लिए लाया गया है. टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में न तो सीएए लागू होने देंगे और न एनआरसी. 

TMC उम्मीदवार महुआ के लिए मांगे वोट

टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के झूठे आश्वासन में मत फंसना. उन्होंने कहा कि अगर तक अगर आप आवेदन करते हो तो अगले पांच सालों के लिए विदेशी बन जाआगे. ये बातें ममता बनर्जी ने अपनी पहली चुनावी रैली में कही. दरअसल, ममता बनर्जी आज यानी शनिवार को कृष्णानगर इलाके में टीएमसी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के लिए रैली कर रही थी. रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी को 200 सीटें जीतने की भी चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती है कि अबकी पार 400 पार. लेकिन मैं चुनौती देती हूं कि बीजेपी 200 सीटों का आंकड़ा भी पार कर पाए. 

बीजेपी को दी चुनौती

ममता बनर्जी ने कहा कि 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने (बीजेपी)ने 200 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वो 77 पर ही सिमट गए. 77 में से भी कई विधायक हमारी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा सीट की 42 सीटें हैं. ममता बनर्जी ने सभी सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारें हैं. हालांकि शुरुआत में माना जा रहा था कि ममता बनर्जी विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का हिस्सा होने के नाते कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. लेकिन टीएमसी यहां कांग्रेस के चार सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी और इस तरह से दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर बात बिगड़ गई.