मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को 'आर्थिक आपतकाल' से तुलना कर चुकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी से प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शुक्रवार को नोटबंदी के कारण अपनी नौकरियां खोने वाले कर्मचारियों की सहायता के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया। मित्रा ने बजट पेश करते हुए नोटबंदी से पीड़ित किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए 100 करोड़ रुपये के विशेष कोष का भी प्रस्ताव रखा।
मित्रा ने कहा, 'बहुत सारे कर्मचारियों ने नोटबंदी की वजह से अपनी नौकरियां खो दी हैं और राज्य में वापस लौट आए हैं। उन्हें बहुत कष्ट उठाना पड़ा है। मैं एक बार में वित्तीय मदद के रूप में 50,000 रुपये प्रत्येक 50 हजार बेरोजगार लोगों को देने का प्रस्ताव दे रहा हूं, जिससे वह अपना व्यापार शुरू कर सकें। इसके लिए मैंने बजट में 50 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।'
उन्होंने कहा, 'किसान और खेतिहर मजदूर जो सहकारी कर्जो पर निर्भर थे, उन्हें नोटबंदी के बाद ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। मैं उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपये के विशेष कोष का प्रस्ताव करता हूं।'
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नोटबंदी को अप्रत्याशित कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि उच्च मूल्य वाले नोटों की नोटबंदी से सिर्फ सूक्ष्म और मध्यम उद्यम ही नहीं प्रभावित हुए हैं, बल्कि इसने सभी क्षेत्रों की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को ही नष्ट कर दिया है। इससे देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था व विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
मित्रा ने कहा कि प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया है कि इसका सकल घरेलू उत्पाद पर 1 से 3.5 फीसदी तक प्रभाव पड़ सकता है। राज्य की आर्थिक विकास दर घटकर 9.27 फीसदी हो सकती है। उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवा व आशा कर्मियों के मासिक भत्ते में 500 रुपये की बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव रखा।
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Source : IANS