Golden Broom: ममता बनर्जी ने दीघा के जगन्नाथ मंदिर में सोने का झाड़ू किया दान, क्या है खासियत?

Golden Broom: बंगाल के दीघा में जगन्नाथ मंदिर के लिए ममता बनर्जी ने पांच लाख रुपये की सोने की झाड़ू दान की है. अयोध्या के मंदिर में भी सोने और चांदी की झाड़ू का उपयोग होता है. 

Golden Broom: बंगाल के दीघा में जगन्नाथ मंदिर के लिए ममता बनर्जी ने पांच लाख रुपये की सोने की झाड़ू दान की है. अयोध्या के मंदिर में भी सोने और चांदी की झाड़ू का उपयोग होता है. 

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Mohit Saxena
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बंगाल के दीघा में जगन्नाथ मंदिर तैयार किया गया है. यह भव्य मंदिर बंगाल सरकार की ओर से बनवाया गया है. हाल ही में ममता बनर्जी ने मंदिर को पांच लाख रुपये की सोने की झाड़ू को दान किया है. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दीघा में बनाए गए भव्य जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की.आइए दान में दी गई झाड़ू में खास क्या है, इसे जानने की कोशिश करते हैं. यह झाड़ू सोने से निर्मित है. इसके नीचे जूट और खास तरह के रेशे सफाई के लिए लगे हैं. इससे भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों की सफाई होती है. देशभर के मंदिरों में भगवान के मंदिरों की मुख्य मूर्तियों और आसपास की सफाई का काम खास पवित्र झाड़ुओं की मदद से होता है. 

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आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 250 करोड़ की लागत से दीघा का जगन्नाथ मंदिर तैयार करवाया है. मंदिर के निर्माण में पूरी लागत सरकारी खर्च से हुई है. इसके संचालन को लेकर राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ट्रस्ट तैयार किया गया है. इसमें जिला प्रशासन, पुलिस, इस्कॉन, सनातन ट्रस्ट और स्थानीय पुरोहितों के प्रतिनिधियों को जोड़ा गया है. मंदिर पर पूरी तरह से पश्चिम बंगाल सरकार का नियंत्रण है. इसके संचालन को लेकर इस्कॉन और अन्य धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को जोड़ा गया है. 

किन कामों में उपयोग होता है झाड़ू

ममता बनर्जी की ओर से दान की सोने की झाड़ू का उपयोग मंदिर में विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के लिए होती है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में इस तरह के सोने की झाड़ू का उपयोग किया जाता है. यह रथ यात्रा जैसे अहम पर्वों में उपयोग होता है. अब पश्चिम बंगाल के दीघा मंदिर में भी इस तरह की परंपरा शुरू होगी. यहां पर भी सोने की झाड़ू उपयोग होगा.  

इसकी कीमत पांच लाख रुपये क्यों है?

झाड़ू के कई हिस्से शुद्ध सोने से बने हैं. ये झाड़ू कोलकाता में तैयार किया गया है. इस तरह का दान दर्शाता है कि सीएम ममता बनर्जी खुद धार्मिक साबित करने में लगी हैं. उन्होंने कई मंचों से कहा कि वे हिंदू हैं और पूजा-पाठ करती हैं. उन्होंने खुद को “ब्राह्मण की बेटी” बताया था. वे दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे त्योहारों में भाग लिया करती हैं. इन आयोजनों में वह काफी सक्रिय रही हैं. 

किन मंदिरों में सोने की झाड़ू का उपयोग 

भारत में सोने की झाड़ू का उपयोग काफी कम होता है. यह धार्मिक स्थलों पर इस्तेमाल में लाई जाती है. पुरी  के जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा) में रथ यात्रा के दौरान सफाई के लिए सोने की झाड़ू का इस्तेमाल किया जाता है. ये एक काफी पुरानी परंपरा है. इस तरह का झाड़ू अयोध्या राम मंदिर (उत्तर प्रदेश) में भी उपयोग लिए लाया जाता है. यहां पर एक चांदी की झाड़ू भी तैयार की गई ​है. इसे खास धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है. 

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