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पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली डॉक्टरों पर कर सकती है कड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा.

Updated on: 14 Jun 2019, 06:58 AM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा. उन्होंने विपक्षी दलों पर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी दल ममता बनर्जी सरकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा योजना को बंद कराना चाहते हैं.

निर्मल माजी ने कहा, 'हमें इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोकने जैसी उचित कार्रवाई करनी होगी. उनका पंजीयन भी रद्द किया जा सकता है.'

उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार सरकारी अस्पतालों में हर मेडिकल छात्र पर 50 लाख रुपये खर्च करती है. अगर वे मरीजों की सेवा का अपना नैतिक दायित्व पूरा नहीं करेंगे तो उन्हें मिल रही यह सुविधा बंद कर दी जाएगी.'

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बता दें कि कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार की रात एक मृत मरीज के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर चिकित्सकों पर क्रूर हमला किया, जिसके खिलाफ चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर राज्यभर के चिकित्सकों ने बुधवार से बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में कार्य बंद कर दिया है.