पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पलटवार किया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "राज्यपाल केंद्र सरकार की बोली बोल रहे हैं!! वह विगत आठ दिनों से शहर में नहीं थे।" ने कहा, भारतीय सेना को बदनाम करने का प्रयास ग़लत
राज्यपाल की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता ने कहा कि टिप्पणी करने से पहले त्रिपाठी को हाल में राज्य के घटनाक्रमों के विस्तृत विवरणों की जांच करनी चाहिए थी।
इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने शनिवार को सख़्त लहज़े में कहा कि भारतीय सेना को बदनाम करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
उनका यह बयान सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कथित आरोप के संदर्भ में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि टोल प्लाजा पर तैनाती के दौरान सैनिकों ने ट्रक चालकों से उगाही की।
त्रिपाठी ने बनर्जी के इन आरोपों पर कहा, "प्रत्येक शख़्स को भारतीय सेना जैसे ज़िम्मेदार संगठन के ख़िलाफ़ आरोप लगाने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी स्थिति में सेना का मनोबल नहीं गिरना चाहिए और न ही सेना को बदनाम करने की साज़िश होनी चाहिए।"
राज्य में सेना की तैनाती को देखकर ममता बनर्जी ने सैन्य तख्तापलट का आरोप लगाया था। ममता ने ट्वीट करके कहा,' जब तक सेना को यहां से हटाया नहीं जाता है वह सचिवालय से नहीं हटेंगी।'
जिसके बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने गुरुवार रात सचिवालय में ही बिताई थी।
केंद्र सरकार और सेना ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि सेना के नियमित अभ्यास को गलत संदर्भ में लिया गया है।
लोकसभा में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि सेना कोलकाता में नियमित अभ्यास कर रही थी। पूर्वी कमान ने इस मुद्दे पर सेना और स्थानीय पुलिस की तैनाती के बारे में विस्तृत ब्योरा देते हुए कहा कि राज्य सरकार और पुलिस इसके बारे में पहले से ही जानते थे।