दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर निकाली गई 'ट्यूबलाइट' रैली, जलाए गये जीटीए एग्रीमेंट

पश्चिम बंगाल से अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने मंगलवार को अपना प्रदर्शन तेज कर दिया।

पश्चिम बंगाल से अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने मंगलवार को अपना प्रदर्शन तेज कर दिया।

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Jeevan Prakash
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दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर निकाली गई 'ट्यूबलाइट' रैली, जलाए गये जीटीए एग्रीमेंट

दार्जलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर निकाली गई 'ट्यूबलाइट' रैली (फोटो-ANI)

पश्चिम बंगाल से अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने मंगलवार को अपना प्रदर्शन तेज कर दिया। जीजेएम ने कई जगहों पर ट्यूबलाइट रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) एग्रीमेंट को जलाया।

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गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) से औपचारिक तौर पर अपना इस्तीफा सौंपने के लिए सोमवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की थी।

आपको बता दें की जीजेएम के सदस्यों ने सोमवार को अपना आंदोलन तेज करने की कसम खाई थी और कहा था कि प्राण जाने तक वे उपवास करेंगे और 'आत्मबलिदान' से भी नहीं हिचकेंगे। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष प्रकाश गुरुं ग ने कहा, 'केंद्र सरकार को गोरखालैंड राज्य के निर्माण के बारे में संवाद शुरू करना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'हम अब तक से आत्मबलिदान और उपवास के मार्ग से गोरखालैंड के लिए हमारे आंदोलन को और तेज करेंगे।'

गुरुं ग ने कहा, 'हमारे तीन भाई गोरखालैंड आंदोलन में शहीद हुए, लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस बारे में चुप है। हमारे आंदोलन का एक ही मुद्दा और एजेंडा- गोरखालैंड है।'

गोरखालैंड में जीजेएम का आंदोलन पिछले 13 दिनों से जारी है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का अरोप है कि इस आंदोलन की आग बीजेपी ने सुलगाई है।

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