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बंगालः शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ FIR, चोरी का आरोप

टीएमसी ने बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ कथित तौर पर करीब लाखों रुपये की राहत सामग्री चोरी करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने इस मामले में दोनों भाईयों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है.

Updated on: 06 Jun 2021, 09:50 AM

highlights

  • चुनाव के बाद भी बीजेपी-टीएमसी में तनातनी जारी
  • शुवेंदु पर राहत सामग्री चोरी करने का आरोप
  • कांठी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई FIR

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) खत्म होने के बाद विरोधी पार्टी बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के बीच तनातनी देखने को मिली है. टीएमसी (TMC) ने एक बार फिर से बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) पर निशाना साधा है. इस बार टीएमसी ने बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ कथित तौर पर करीब लाखों रुपये की राहत सामग्री चोरी करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने इस मामले में दोनों भाईयों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है. इनके खिलाफ ये पुलिस केस पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 150 किमी दूर कांठी के नगरपालिका कार्यालय से कथित तौर सामग्रियों की चोरी को लेकर किया गया है.

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रिपोर्ट्स के अनुसार FIR रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर दर्ज की गई है. मन्ना कांठी नगरपालिका प्रशासनिक बोर्ड के एक सदस्य हैं. शुवेंदू के खिलाफ FIR कांठी पुलिस स्टेशन में 1 जून को कराई गई. शिकायत में कहा गया है '29 मई 2021 को दोपहर 12:30 बजे शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई तथा कांठी नगरपालिका के पूर्व प्रमुख सौमेंदु अधिकारी के निर्देश पर सरकारी तिरपाल को जबरन नगरपालिका के कार्यालय से ले जाया गया. इसकी कीमत करीब लाखों रुपये थी.'   

शिकायत में ये भी कहा गया है कि इस 'चोरी' में बीजेपी नेता ने केंद्रीय बलों का भी इस्तेमाल किया. बता दें कि शुभेंदु अधिकारी के ही एक और करीबी राखल बेरा को एक शख्स से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ठगने के आरोप में कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपों के अनुसार बेरा ने 2019 में पश्चिम बंगाल में एक मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर शख्स से 2 लाख रुपये लिये थे जबकि उसे नौकरी भी नहीं मिली थी.  

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बीते गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि पूर्व मेदिनीपुर में तटबंधों के निर्माण के लिए आवंटित धन का “दुरुपयोग” किया गया. यहां हाल ही में चक्रवात ‘यास’ की वजह से आई बाढ़ के कारण लोग बेघर हो गए थे. कांथी से लोकसभा सांसद शिशिर अधिकारी ने हालांकि दावा किया कि दीघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण (DSDA) के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान लगभग 90 प्रतिशत काम किया गया था और बाकी को आने वाले सर्दी के मौसम के अंत तक पूरा किया जाना था.