उत्तरी पश्चिम बंगाल में सामान्य जनजीवन बहाल हो गया है, इस बीच दार्जिलिग, कालिमपोंग और कुर्सियोंग में सेना की गश्त जारी है।
बता दें कि गुरुवार से ही अलग गोरखालैंड की मांग करते हुए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही थी। जिसके बाद पश्चिम बंगाल के तीन पहाड़ी इलाकों में सेना की 6 टीमों को तैनात किया गया।
पुलिस के मुताबिक, जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुं ग सहित कई कार्यकर्ताओं पर आपराधिक षड्यंत्र रचने और आगजनी का मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही अगले 24 घंटे के लिए दार्जीलिंग से बस सेवा को मुफ्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमने बहुत समझौता कर लिया। अब मैं ख़ुद ही हालात की निगरानी करूंगी। बम दिखाकर हर बार अपनी बात नहीं मनवाई जा सकती है।
हालांकि सीएम ममता बनर्जी की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई है। सोमवार से उत्तरी बंगाल क्षेत्र में चाय उद्योग से जुड़े श्रमिक संगठन न्यूनतम वेतन लागू करने, आवासीय उद्देश्यों के लिए उन्हें जमीन का वितरण करने सहित अन्य मांगों को लेकर दो दिन की हड़ताल करने जा रहे हैं।
24 मजदूर संघों के इस मंच ने 13 जून से पश्चिम बंगाल के चाय बागानों के क्षेत्रों जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कलिंपोंग, अलीपुरद्वार, इस्लामपुर और मेखलीगंज में 12 घंटे की आम हड़ताल का भी आह्वान किया है।
इसी बीच ममता बनर्जी ने शनिवार को गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) का चुनाव कराने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जनादेश से तय होगा कि मौजूदा जीटीए बोर्ड ने पहाड़ी इलाके के विकास के लिए ठीक से काम किया या नहीं।
ज़ाहिर है ममता आम नागरिकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना चाहती हैं जिससे इस तरह की किसी भी आंदोलन से बचा जा सके।
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पश्चिम बंगाल: हिंसक हुआ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का आंदोलन, ममता ने बुलाई सेना
Source : New State Bureau