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CM ममता बनर्जी बोलीं- बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगे, क्योंकि...

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच जुबानी जंग जारी है. कोलकाता में बंगला संगीत मेला 2020 के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार निशाना साधा है.

Updated on: 23 Dec 2020, 05:47 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच जुबानी जंग जारी है. कोलकाता में बंगला संगीत मेला 2020 के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार निशाना साधा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें अपनी धरती का सम्मान करना है और उसे बचाना है. बंगाल को कोई बर्बाद नहीं कर सकता है. हम लोग बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगे.

ममता बनर्जी ने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात की, समर्थन का दिया आश्वासन
 
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बुधवार को बात की और उनके आंदोलन को समर्थन का भरोसा दिया. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से यह जानकारी दी गई. एक महीने में यह दूसरा मौका है जब तृणमूल अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ फोन पर बातचीत की है. तृणमूल के पांच सांसद किसान दिवस के मौके पर बुधवार को एकजुटता दिखाने के लिये किसानों से सिंघू बॉर्डर पर मुलाकात करने पहुंचे.

तृणमूल ने कहा कि ममता बनर्जी के निर्देश पर डेरेक ओ ब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और मोहम्मद नदीमुल हक का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की तरफ से सिंघू बॉर्डर पर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मुलाकात की और उनके साथ एकजुटता व्यक्त की. पार्टी की तरफ से बताया गया कि छोटे समूहों में किसानों ने ममता बनर्जी के साथ फोन पर बातचीत की जिन्होंने उन्हें आंदोलन में उनके पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. कुछ किसानों ने उनसे धरना स्थल पर आने का भी अनुरोध किया.

पार्टी विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग का भी समर्थन करती है. पार्टी के मुताबिक, टेलीफोन पर हुई बातचीत में बनर्जी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरे देश का पेट भरने वाले किसान भूखे रहने के लिए बाध्य किए जा रहे हैं. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि किसान विरोधी विधेयकों को रद्द कराने के किसानों के आंदोलन में तृणमूल उनके साथ एकजुटता से खड़ी रहेगी.