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मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी में ममता बनर्जी, नए चेहरों को मिल सकता है मौका

तृणमूल कांग्रेस के बीते 11 वर्षों के शासन में, बनर्जी ने दो विभागों- वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास में कोई बदलाव नहीं करा है.

Updated on: 09 Nov 2021, 02:11 PM

highlights

  • वित्त और पंचायत जैसे दो प्रमुख विभागों में पूर्णकालिक मंत्री न होने की वजह से ये फेरबदल हो सकते हैं
  • ऐसे संकेत हैं कि फेरबदल में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा
  • सीएम खुद वित्त विभाग संभाल सकती हैं और इस बात के उन्होंने संकेत भी दिए हैं

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जल्द ही मंत्रीमंडल में फेरबदल कर सकती हैं. वित्त और पंचायत जैसे दो प्रमुख विभागों में पूर्णकालिक मंत्री न होने की वजह से ये फेरबदल हो सकते हैं. ऐसे संकेत हैं कि फेरबदल में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. यह इस सप्ताह के अंदर हो सकता है. तृणमूल कांग्रेस के बीते 11 वर्षों के शासन में, बनर्जी ने दो विभागों- वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास में कोई बदलाव नहीं करा है. पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की आकस्मिक मृत्यु और वित्त मंत्री अमित मित्रा का स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर मंत्री और विधायक के रूप में बने रहने में असमर्थता के साथ ही सीएम के पास फेरबदल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हालांकि मित्रा ने मंत्री के रूप में बने रहने में असमर्थता जाहिर की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री चाहती थीं कि मित्रा वित्त विभाग के सलाहकार के रूप में बने रहें और इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि मित्रा ने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करी है. सूत्रों के अनुसार यह भी संकेत दिया कि मित्रा वित्त विभाग के सलाहकार के रूप में काम को जारी रख सकते हैं, जहां उन्हें पूर्णकालिक मंत्री का दर्जा और शक्ति प्राप्त होगी.

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सूत्रों के अनुसार सीएम खुद वित्त विभाग संभाल सकती हैं और इस बात के उन्होंने संकेत भी दिए हैं. ममता की सबसे भरोसेमंद चंद्रिमा भट्टाचार्य को वित्त विभाग में राज्य मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है. हाल ही में चंद्रिमा ने जीएसटी परिषद की बैठकों की अगुवाई की थी. उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है, जो स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी हैं.

ममता बनर्जी भले ही वित्त विभाग के साथ बातचीत कर रही हों, लेकिन उनकी असली परीक्षा पंचायत विभाग के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति को खोजने की होगी - वह विभाग जिसके पास पिछले तीन चुनावों में तृणमूल की सफलता की कुंजी रही है. ग्रामीण बंगाल के लिए लाभकारी सरकारी योजनाएं ज्यादातर पंचायत विभाग के माध्यम से की गई हैं और ग्रामीण बंगाल ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में अपना समर्थन दिया है.

इस बात के संकेत हैं कि शोभनदेव चटर्जी, जो कृषि मंत्री थे, लेकिन जिन्होंने सीएम को जितवाने के लिए भवानीपुर विधानसभा सीट से अपना इस्तीफा दिया, को नया पंचायत मंत्री बनाया जा सकता है. चटर्जी ने उत्तर 24 परगना के खरदाह से 93,000 से अधिक मतों के अंतर से  जीत हासिल की.

कूचबिहार जिले के दिनहाटा से उपचुनाव में 1.6 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करने वाले उदयन गुहा मंत्रालय में नए सदस्य हो सकते हैं. गौतम देव ने बीते कैबिनेट में उत्तर बंगाल विकास विभाग का कार्यभार संभाला था, लेकिन विधानसभा चुनावों में उनकी हार के बाद, बहुत महत्वपूर्ण विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास है. मालदा की शबीना यास्मीन विभाग की राज्यमंत्री हैं. गुहा इस विभाग के नए मंत्री बन सकते हैं.