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चुनाव से पहले TMC की बढ़ी मुश्किलें, चिटफंड मामले में इन नेताओं को किया गया तलब

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी नेता मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को सीबीआई ने बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को तलब किया हैं. पार्थ चटर्जी को  चिट फंड (ICore chit fund scam) मामले में 15 मार्च को कोलकाता कार्यालय में तलब किया है.

Updated on: 12 Mar 2021, 07:20 PM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी नेता मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को सीबीआई ने बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को तलब किया हैं. पार्थ चटर्जी को  चिट फंड (ICore chit fund scam) मामले में 15 मार्च को कोलकाता कार्यालय में तलब किया है. इसके साथ ही पूर्व मंत्री और कामराती से टीएमसी उम्मीदवार को शारदा पोंजी घोटाला मामले में ईडी ने समन भेजा है. उन्हें 19 मार्च को ईडी के सामने पेश होना होगा.  इसके साथ ही शारदा पोंजी घोटाले मामले में टीएमपी पूर्व राज्यसभा सदस्य अहमद हसन को ईडी ने 18 मार्च को तलब किया है.

दूसरी तरफ बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में शामिल हुए और पूर्व तृणमूल दिग्गज सुवेन्दु अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि यदि पश्चिम बंगाल में भगवा ब्रिगेड 2021 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में आती है, तो ठगे गए निवेशकों को चिट फंड का पैसा लौटाया जाएगा. अधिकारी ने हल्दिया में एक जनसभा में कहा, "केवल बीजेपी ही चिटफंड का पैसा लौटा सकती है. प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रहा है. जिन्होंने भी पान्जी स्कीम में पैसा लगाया है, उनके पैसे वापस किए जाएंगे."

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सार्वजनिक रैली आयोजित करने के अलावा, उन्होंने शुक्रवार को ईस्ट मिदनापुर के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने से पहले हल्दिया में खुदीराम चौराहे से एक मेगा रोड शो भी निकाला. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और धर्मेद्र प्रधान भी बीजेपी के नंदीग्राम उम्मीदवार के साथ थे.

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि करोड़ों के चिटफंड घोटाले में ईडी की जांच का बंगाल चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. घोष ने कहा, 'सुवेन्दु अधिकारी आगामी चुनावों में वोट हासिल करने के लिए जनता की भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह वोट की राजनीति के अलावा कुछ नहीं है.'