logo-image

पश्चिम बंगाल उपचुनाव, लोकसभा चुनाव बाद का TMC और BJP का पहला शक्ति परीक्षण

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी बीजेपी के बीच पहला शक्ति परीक्षण होगा.

Updated on: 26 Oct 2019, 05:02 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी बीजेपी के बीच पहला शक्ति परीक्षण होगा. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव बाद तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए 25 नवंबर को उपचुनाव होना है. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को खड़गपुर सदर, करीमपुर और कालियागंज सीटों पर उपचुनाव के लिए कार्यक्रमों की घोषणा की है, जहां 30 अक्टूबर को राजपत्र अधिसूचना के बाद छह नवंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी.

अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल से कई सीटें छीन ली थी. भगवा पार्टी ने अपने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के साथ 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इनमें से दो सीटों पर जीत साल 2014 के चुनाव में हासिल हुई थी.

इसे भी पढ़ें:राज्यपाल से मिले मनोहर लाल खट्टर, सरकार बनाने का दावा किया पेश

साल 2014 के चुनाव में 34 सीटें जीतने वाली तृणमूल पार्टी को इस बार 22 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा था. उसके बाद तृणमूल ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवा ली है, जिन्होंने जनता तक पहुंचने के लिए राज्य के सत्ताधारी दल के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी की है. अब इस बात को देखने का एक बेहतरीन अवसर है कि किशोर की रणनीतिक का प्रभाव इस उपचुनाव कितना होता है.

दूसरी ओर, देखने वाली बात यह भी है कि लोकसभा चुनाव में अपने बेहतरीन प्रदर्शन की गति को यथावत रखने के लिए भाजपा क्या करती है.

इनके अलावा भी गौर फरमाने वाली एक और मजेदार बात यह भी है कि वामंपथी और कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहेगा, जिन्होंने इन तीन सीटों के लिए एक समझ बनाने का निर्णय लिया है.

और पढ़ें:दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला को जेल से मिली छुट्टी, जानें कितने दिन रहेंगे बाहर

समझ के अनुसार, कांग्रेस खड़गपुर सदर और कालियागंज से चुनाव लड़ेगी और करीमपुर से वाम दल मैदान में होगा. उम्मीद की जा रही है पार्टी अगले कुछ ही दिनों में अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी. आम चुनाव के दौरान, खड़गपुर सदर और कालियागंज विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा सबसे आगे थी, जबकि करीमपुर में तृणमूल का दबदबा था.