WB: केन्द्र सरकार से अलग अपना सरोगेसी कानून लाएगी पश्चिम बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में सरोगेसी के नियमों को सख्त और कड़े से कड़े बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई है. केंद्र द्वारा बनाए गए नए सरोगेसी नियमों की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा एक औपचारिक अधिसूचना जारी की गई है. एकमात्र स्थिति जहां नि:संतान दंपति राज्य में सरोगेसी के लिए जा सकेंगे, जब उनके लिए स्वाभाविक रूप से बच्चा पैदा करने का कोई मौका नहीं होगा. जब इस तरह के जोड़े को सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी, तो इस संबंध में संबंधित नोडल चिकित्सा अधिकारी से प्रमाण पत्र शर्त होगी.

पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में सरोगेसी के नियमों को सख्त और कड़े से कड़े बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई है. केंद्र द्वारा बनाए गए नए सरोगेसी नियमों की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा एक औपचारिक अधिसूचना जारी की गई है. एकमात्र स्थिति जहां नि:संतान दंपति राज्य में सरोगेसी के लिए जा सकेंगे, जब उनके लिए स्वाभाविक रूप से बच्चा पैदा करने का कोई मौका नहीं होगा. जब इस तरह के जोड़े को सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी, तो इस संबंध में संबंधित नोडल चिकित्सा अधिकारी से प्रमाण पत्र शर्त होगी.

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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में सरोगेसी के नियमों को सख्त और कड़े से कड़े बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई है. केंद्र द्वारा बनाए गए नए सरोगेसी नियमों की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा एक औपचारिक अधिसूचना जारी की गई है. एकमात्र स्थिति जहां नि:संतान दंपति राज्य में सरोगेसी के लिए जा सकेंगे, जब उनके लिए स्वाभाविक रूप से बच्चा पैदा करने का कोई मौका नहीं होगा. जब इस तरह के जोड़े को सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी, तो इस संबंध में संबंधित नोडल चिकित्सा अधिकारी से प्रमाण पत्र शर्त होगी.

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नबन्ना के राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा- फिगर संबंधित मुद्दे या पेशेवर जीवन में बाधा डालने के बहाने सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति के लिए वैध कारण नहीं माना जाएगा. नियमित प्रक्रिया में पहले से ही एक बच्चा रखने वाले दंपति को भी सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं होगी. लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए भी विकल्प से इनकार किया जाएगा. हालांकि, अकेली मां को सरोगेसी का विकल्प चुनने की अनुमति होगी.

सरोगेसी का विकल्प चुनने वाले विवाहित जोड़ों के मामले में पति की आयु सीमा 26 से 50 वर्ष के बीच होगी, जबकि पत्नी की आयु 23 से 50 वर्ष के बीच होगी. उस महिला के लिए भी शर्तें होंगी, जिसका गर्भ सरोगेसी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. कम से कम एक बच्चे वाली विवाहित महिलाओं को ही अनुमति दी जाएगी. सरोगेसी के लिए जाने वाले दंपत्ति को एक हलफनामे के रूप में एक लिखित वचन देना होगा कि वह अगले तीन वर्षों के लिए गर्भ को उधार देने वाली महिला के चिकित्सा बीमा के प्रीमियम का खर्च वहन करेंगे.

राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा, इन सभी दस्तावेजों को इस संबंध में जिला नोडल चिकित्सा अधिकारियों के कार्यालय में जमा करना होगा, जो सभी दस्तावेज और संबंधित कागजात की जांच करेंगे और अंत में प्रक्रिया के लिए स्वीकृति देंगे.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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