डॉ अरुणोदय मंडल 73 साल के हैं. रोजना 160 किमी का सफर तय करके वह सुंदरबन पहुंचते हैं. वह जब यहां पर पहुंचते हैं तो मरीजों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है. यहां पर वह इकलौते डॉक्टर हैं. डॉ. मंडल बीते 23 सालों से इस तरह हर सप्ताह मरीजों को मुफ्त इलाज देकर सेवाभाव की मिसाल कायम रहे हैं.
पद्मश्री डॉ.अरुणोदय मंडल हर वर्ष सुंदरबन में 12 हजार से ज्यादा मरीजों का फ्री इलाज करते हैं. वहां वह ‘सुजन’ नाम का एक क्लिनिक चलाते हैं. यहां पर हर सप्ताह कोलकाता से 160 किमी की यात्रा करते यहां पहुंचते हैं ताकि यहां रहने वाले सैकड़ों लोगों का फ्री में इलाज हो सके. उन्होंने वर्ष 2000 में इस फ्री सेवा का काम शुरू किया था. बीते 23 सालों से वह निरंतर अपने काम के जरिए लोगों की सहायता करते आ रहे हैं. हर शनिवार को 70 साल के डॉ अरुणोदय मंडल सुबह जल्द उठते हैं और करीबन छह घंटे का सफर तय करते है. इसके बाद हिंगलगंज पहुंचते हैं. यहां सैकड़ों लोग उनकी प्रतीक्षा करते हैं.
1980 में अपनी नौकरी को छोड़ी
डॉ अरुणोदय खुद एक पिछड़े इलाके से ताल्लुक रखते हैं. डॉ.मंडल जरूरतमंदों की समस्या को बखूबी समझते हैं. कोलकाता के ‘नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल’ से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद डॉ मंडल ने कई साल ‘डॉक्टर बी.सी. रॉय मेमोरियल हॉस्पिटल’ में काम किया. इसके बाद 1980 में अपनी नौकरी को छोड़कर वे खुद के चैंबर से मरीजों का इलाज करना आरंभ कर दिया.
सुंदरबन के लोगों के लिए काम करने के पीछे की खास बात है कि वह अपने ज्ञान के जरिए अपने समुदाय की मदद करना चाहते थे. आज ‘सुंदरबन के सुजान’ नाम से मशहूर डॉ.अरुणोदय सही मायनो ने में इंसानियत के डॉक्टर हैं. वे अपने काम से कइयों की जिंदगी सवार रहे हैं.