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इस्तीफा देते ही दिनेश त्रिवेदी पर TMC का हमला, कहा- वो जमीनी नेता नहीं थे

तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को राज्य सभा में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. वह मनमोहन सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं. उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं.

Updated on: 12 Feb 2021, 06:12 PM

नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को राज्य सभा में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. वह मनमोहन सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं. उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद पिछले काफी समय से पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे. उन्होंने राज्य सभा में इस्तीफे के दौरान बंगाल में राजनीतिक हिंसा से खुद को दुखी बताया. दिनेश त्रिवेदी तृणमूल के काफी वरिष्ठ नेता हैं.ऐसे में उनके इस्तीफे से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है.दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफा देते ही राजनीति भी तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी ने पार्टी में उनके स्वागत की बात कही है.

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वहीं दूसरी टीएमसी ने पूर्व रेल मंत्री पर हमला भी बोला. टीएमसी सांसद सौगत राय ने उनके इस्तीफे के सवाल पर कहा, 'हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया दिया है. हालांकि यह हमारे लिए कोई झटका नहीं है. वह कभी जमीनी नेता नहीं थे, लोकसभा का चुनाव भी हार गए थे.'

सौगत रॉय ने आगे कहा, 'वह कभी जमीनी नेता नहीं रहे. लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें ममता बनर्जी ने राज्यसभा में भेजा था. तृणमूल कांग्रेस का मतलब जमीनी होताा है. उनके इस्तीफे से पार्टी के अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.' 

वहीं दूसरी तरफ इस्तीफा देने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने कहा, 'हमारा इतिहास रहा है कि हमने हिंसा के खिलाफ बोला है... हम कहां बात करें किसी के पास समय नहीं है, जब पार्टी कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स के हाथ में चली जाती है, जिसको राजनीति का क ख नहीं पता वो हमारे नेता बन जाते हैं तो क्या करें.'  बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा, 'अभी तो पहले हम अपने आप को जॉइन कर लें, एक मौका ऐसा आता है जब आप मंथन करते हो, ये मंथन का समय है.'

दूसरी तरफ दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफा देने पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हालांकि उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन पूर्व रेल मंत्री का पार्टी में स्वागत है. बीजेपी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी ने कहा, "बीजेपी में शामिल होने के बारे में त्रिवेदी के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है. यदि वह हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा."

उन्होंने कहा, "त्रिवेदी का फैसला हालांकि देर से आया है, वे एक हवाई अड्डे पर मुझसे मिले थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी में घुटन महसूस होती है." त्रिवेदी ने संसद के ऊपरी सदन में अपने इस्तीफे की घोषणा की.

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विजयवर्गीय ने कहा, "पश्चिम बंगाल की राजनीति में, एक व्यक्ति जो ईमानदार है और वह समाज, राज्य और देश की सेवा करना चाहता है, तृणमूल में उसका सम्मान नहीं है. वह तृणमूल में नहीं रह सकता."

बीजेपी नेता ने दावा किया कि कोई भी बनर्जी और उनके भतीजे के 'अहंकार' के कारण तृणमूल में नहीं रहेगा. उन्होंने कहा, "बंगाल में यह स्पष्ट है कि जो लोग राज्य का विकास चाहते हैं, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त कर रहे हैं." "एक संदेश प्राचारित हुआ है कि तृणमूल, पश्चिम बंगाल में सत्ता खोने जा रही है, जबकि बीजेपी सत्ता में आ रही है."