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TMC महासचिव ने कहा, भवानीपुर से ममता बनर्जी नहीं जीतीं तो देश संकट में आ जाएगा

रविवार को टीएमसी महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो बाहरी लोगों के आगे झुके बिना ही पूरी बहादुरी से चुनाव लड़ रही है. अभिषेक बनर्जी का निशाना बीजेपी पर था.

Updated on: 26 Sep 2021, 07:49 PM

highlights

  • अगर आप 30 सितंबर को टीएमसी को वोट देंगे तो दिल्ली में परिवर्तन के लिए वोट देंगे
  • टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो बाहरी लोगों के आगे झुके बिना ही पूरी बहादुरी से चुनाव लड़ रही है
  • ममता के खिलाफ बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में तीन सीटों  पर होने वाले उप चुनाव में टीएमसी और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों दलों की तरफ बढ़ कर दावे किये जा रहे हैं. रविवार को भवानीपुर में मुख्यमंत्री ममता बन्रजी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर आप 30 सितंबर को आप टीएमसी-कांग्रेस को वोट देंगे तो दिल्ली में परिवर्तन के लिए वोट देंगे. टीएमसी महासचिव ने भवानीपुर में पार्टी के लिए प्रचार किया और कहा कि, " टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बाहरी लोगों के आगे झुके बिना पूरी बहादुरी से लड़ रही है. हम त्रिपुरा और असम पहुंच गए हैं. हम आने वाले दिनों में गोवा भी जाएंगे, इसलिए खुद को तैयार कर लें. हम राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए तैयार हैं.   

रविवार को टीएमसी महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो बाहरी लोगों के आगे झुके बिना ही पूरी बहादुरी से चुनाव लड़ रही है. अभिषेक बनर्जी का निशाना बीजेपी पर था.

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अभिषेक बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस क्रांति की स्थिति में है और यही पार्टी लोकतंत्र की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी भवानीपुर से नहीं जीती तो देश संकट में आ जाएगा. उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को मतदान जरूर करें और ममता बनर्जी को 1 लाख वोटों से विजयी बनाएं. आपको बता दें कि भवानीपुर से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं. ममता के खिलाफ बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल एटवोकेट हैं. वह शुरू से ही मुखयमंत्री ममता बनर्जी पर आक्रामक बयानबाजी कर रही हैं. भवानीपुर में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. दोने दल एक दूसरे पर निशान साधने से नहीं चूक रहे हैं. भाजपा वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रही है तो बीच-बीच में राजनीतिक हिंसा, मुस्लिम तुष्टीकरण का मुद्दा भी उठाती रहती है.