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Teachers Scam: जरूरत पड़ी तो शिक्षा मंत्री को तलब करेंगे: Kolkata HC

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को अवैध रूप से राज्य में नियुक्त शिक्षकों की सेवा समाप्ति के फैसले के संबंध में तलब कर सकता है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच पीठ ने यहां तक कहा कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) इस तरह की अनियमितताओं के पीछे खुद अपराधी हो सकता है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि यदि आयोग अवैध रूप से भर्ती किए गए उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त करना चाहता है, तो वह आसानी से ऐसा कर सकता है.

Updated on: 16 Dec 2022, 07:13 PM

कोलकाता:

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को अवैध रूप से राज्य में नियुक्त शिक्षकों की सेवा समाप्ति के फैसले के संबंध में तलब कर सकता है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच पीठ ने यहां तक कहा कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) इस तरह की अनियमितताओं के पीछे खुद अपराधी हो सकता है. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि यदि आयोग अवैध रूप से भर्ती किए गए उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त करना चाहता है, तो वह आसानी से ऐसा कर सकता है. इसमें क्या बाधा है? आयोग के पास ऐसा करने का अधिकार है. अगर आयोग इस मामले में कुछ नहीं कर पाता है तो जरूरत पड़ने पर राज्य के शिक्षा मंत्री को भी तलब करना पड़ सकता है.

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने दो अलग-अलग चरणों में कुल 184 उम्मीदवारों की लिस्ट प्रकाशित की है, जो अवैध रूप से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रूप में भर्ती हुए थे. सामने आया है कि 184 उम्मीदवारों में से 81 पहले से ही विभिन्न स्कूलों में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

फिर से उस 81 में से नौ ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को इन नौ उम्मीदवारों के लिए आयोग के वकील और डब्ल्यूबीएसएससी अध्यक्ष के वकीलों द्वारा भाग लेने के लिए तुरंत एक बैठक की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. उन्होंने आदेश दिया कि बैठक में इन नौ उम्मीदवारों की ओएमआर शीट की समीक्षा की जाए ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका नाम मेरिट लिस्ट में कैसे आया, इसकी अदालत को एक रिपोर्ट पेश करें.

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि मैं इस बात का उचित जवाब चाहता हूं कि कैसे उनके नाम दूसरों से आगे निकल गए और सिफारिश लिस्ट में उन्हें एक जगह मिली. मामले में अनावश्यक तर्क-वितर्क करने की जरूरत नहीं है. मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.