सुवेंदु अधिकारी ने तोड़ा TMC से नाता, एक वक्त ममता को सत्ता तक पहुंचाने में निभाई थी बड़ी भूमिका

पिछले कई दिनों से लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नेता तोड़ दिया है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Suvendu Adhikari

कभी ममता को बनाया था बंगाल का 'अधिकारी', अब सुवेंदु ने तोड़ दिया नाता( Photo Credit : फाइल फोटो)

पिछले कई दिनों से लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नेता तोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. अब बीजेपी में उनके शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. सुवेंदु अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वह पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से दूरी बरत रहे थे. वह बुधवार शाम राज्य विधानसभा आए और विधानसभा के सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा.

Advertisment

यह भी पढ़ें: BJP बोली- बंगाल में स्थिति कश्मीर से भी बदतर, ईरान-इराक के समान, इसलिए... 

सुवेंदु अधिकारी पूर्वी मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. सुवेंदु अधिकारी ने 2009 में नंदीग्राम में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में ममता बनर्जी की मदद की थी और इसके बाद तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आई. तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, सुदीप बंदोपाध्याय जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मनाने के काफी प्रयास किए, लेकिन अधिकारी नहीं माने. टीएमसी का उनको मनाने का प्रयास नाकाम रहा. अधिकारी ने बिना किसी का नाम लिए हालिया दिनों में कई मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की.

इससे पहले वह हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (HRBC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके थे. सुवेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु भी तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं. पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक बने थे, लेकिन बाद में वो तृणमूल कांग्रेस के साथ आए और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए. अपने पिता की तरह सुवेंदु अधिकारी को भी जननेता के रूप में पहचाना जाता है.

यह भी पढ़ें: कैलाश विजयवर्गीय ने EC को बताया- बंगाल में कैसे होगा निष्पक्ष चुनाव

सुवेंदु अधिकारी 2009 से कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने गए. सुवेंदु भी दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. सुवेंदु अधिकारी ने कांथी दक्षिण सीट पहली बार 2006 में जीत हासिल की थी. 3 साल बाद वे तुमलुक सीट से सांसद चुने गए थे. इसी बीच उनकी प्रसिद्धि काफी बढ़ती गई. हालांकि सांसद के तौर पर सुवेंदु अधिकारी लो-प्रोफाइल रहे, लेकिन अपने सांगठनिक कौशल की वजह से टीएमसी में एक वैकल्पिक पावर सेंटर के तौर पर उभरे. सुवेंदु अधिकारी नंदीग्राम आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आए थे.

2007 में सुवेंदु अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि-अधिग्रहण को लेकर एक आंदोलन खड़ा किया था. सुवेंदु ने भूमि उछेड़ प्रतिरोध कमेटी (BUPC) के बैनर तले आंदोलन छेड़ा था, जिसका बाद में पुलिस और सीपीआई (एम) के कैडर के साथ खूनी संघर्ष हो गया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद आंदोलन और उग्र हो गया, जिससे तत्कालीन लेफ्ट सरकार को झुकना पड़ा था.

यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी बोलीं- TMC नेताओं को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही BJP, लेकिन...

हुगली जिले के सिंगूर में भी इसी तरह भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन हुए. इन दो घटनाओं ने 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों को बाहर करने में अहम भूमिका निभाई. इस सफलता से खुश होकर ममता बनर्जी ने तब सुवेंदु अधिकारी को जंगल महल का चार्ज दिया, जिसमें पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिले शामिल थे. अधिकारी को जिन जिलों का चार्ज मिला, वो लेफ्ट का गढ़ थे, जोकि अति पिछड़े और माओवादी विद्रोह से जूझ रहे थे. नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलनों का प्रभाव पूरे राज्य में देखने को मिला था, लेकिन आसपास के जिलों में कुछ ऐसा हुआ, जिसने सुवेंदु को एक बड़े नेता के रूप में स्थापित कर दिया. 

मगर बीते कुछ महीनों से सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए. टीएमसी के साथ बीते कुछ दिनों से चले आ रहे टकराव से पार्टी के प्रति उनका मन कट्ठा हो गया. यही वजह से उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और टीएमसी के नाता तोड़ दिया. अब सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी के साथ जाने के अटकलें हैं. हालांकि अभी तक उनकी ओर से इस कोई रुख स्पष्ट नहीं किया गया है. बहरहाल, सुवेंदु अधिकारी का टीएमसी को छोड़कर जाना ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा झटका है.

Source : News Nation Bureau

सुवेंदु अधिकारी Suvendu Adhikari Profile ममता बनर्जी Mamata Banerjee Suvendu Adhikari resigns suvendu-adhikari
      
Advertisment