logo-image

कोलकाता: सोनागाछी पर सुप्रीम कोर्ट की नजर, ममता सरकार, महिला आयोग और नगर निगम को भेजा नोटिस

कोर्ट ने ये नोटिस उन चार महिलाओं की याचिका पर भेजा है जिन्हें कई साल पहले पुलिस और NGO ने मिलकर सोनागाछी में चल रहे देह व्यापार से छुड़ाया था

Updated on: 23 Jul 2019, 12:11 PM

नई दिल्ली:

कोलकाता के सोनागछी इलाके पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है. सुप्रीम कोर्ट ने इस इलाके में महिलाओं से जबरन चलाए जा रहे देह व्यापार पर पश्चिम बंगाल सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और कोलकाता नगर निगम को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने ये नोटिस उन चार महिलाओं की याचिका पर भेजा है जिन्हें कई साल पहले पुलिस और NGO ने मिलकर सोनागाछी में चल रहे देह व्यापार से छुड़ाया था.

ये चारों महिलाएं पश्चिम बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश की निवासी हैं. जिस वक्त उन्हें सोनागाछी से छुड़ाया गया उस वक्त वो नाबालिग थी और तभी से एक शेल्टर होम में रह रही हैं.

यह भी पढ़ें: ममता ने अपनी रैली को को लेकर भारतीय रेल पर लगाया ये आरोप, रेलवे ने किया खंडन

याचिका में कहा गया है?

खबरों के मुताबिक इन महिलाओं ने याचिका में कहा है कि सोनागाछी की जिन इमारतों में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से जबरन देह व्यापार करवाया जाता है उनमें दो इमारतें नगर निगम के नाम पर हैं जबकि कई इमारते ऐसी हैं जिनके मालिकों का कुछ अता-पता नहीं है. महिलाओं ने याचिका में मांग की है कि इन इमारतों के मालिकों या किराएदारों की जानकारी के लिए कोर्ट प्रशासन को आदेश दे और इमारतों के मालिकों को शिकंजे में लेने के लिए ITP एक्ट के प्रावधानों को दुरुस्त करे. इसेक अलावा महिलाओं ने कोर्ट से मुआवजा दिलाने की मांग भी की है.

यह भी पढ़ें: बटुकेश्वर दत्त के नाम पर रखा जाएगा बर्द्धमान रेलवे स्टेशन का नाम : राय

ऐसे में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने  पश्चिम बंगाल सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और कोलकाता नगर निगम को नोटिस बेजकर जवाब मांगा है.