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SSC शिक्षक भर्ती घोटालाः अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से फिर मिले 20 करोड़ रुपए 

21 करोड़ रुपए की नकदी बरामद करने के कुछ दिनों बाद बुधवार को फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर पर छापा मारा. इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने 19 करोड़ 90 लाख रुपए कैश, तीन कीलों सोना जिसकी बाजार मूल्य 2 करोड़ रुपए है. इसके अलावा 78 लाख रुपए की ज्वेलरी और 54 लाख रुपए के विदेशी मुद्रा बरामद करने का दावा किया है.

Updated on: 27 Jul 2022, 11:44 PM

highlights

  • नकद: 41.90 करोड़ रुपए
  • गोल्ड : 2 करोड़ रुपए का
  • आभूषण : 78 लाख रुपए की
  • विदेशी मुद्रा : 54 लाख रुपए

कोलकाता:

21 करोड़ रुपए की नकदी बरामद करने के कुछ दिनों बाद बुधवार को फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर पर छापा मारा. इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने 19 करोड़ 90 लाख रुपए कैश, तीन कीलों सोना जिसकी बाजार मूल्य 2 करोड़ रुपए है. इसके अलावा 78 लाख रुपए की ज्वेलरी और 54 लाख रुपए के विदेशी मुद्रा बरामद करने का दावा किया है. इस तरह अब तक अर्पिता के ठिकानों से 41 करोड़ रुपए कैश बरामद हो चुके हैं. 

दो डायरियों में छुपे हैं भ्रष्टाचार के राज


 ईडी अधिकारियों ने बताया कि नोटों की गड्डी एक शेल्फ से रखी गई थी. कैश इतनी बड़ी संख्या में थी कि इसकी गिनती के लिए ईडी के अधिकारियों ने बैंक अधिकारियों को कैश गिनने वाली मशीनों के साथ मौके पर बुलवाना पड़ा. ईडी  सूत्रों से मीडिया को मिली खबरों के मुताबिक इसके अलावा मुखर्जी के आवास से दो डायरियां भी बरामद हुई हैं. ईडी के अफसरों को उम्मीद है कि इस डायरी की मदद से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक इन दोनों डायरियों में कई कोडित प्रविष्टियां हैं. ईडी के अफसरों का मानना है कि ये करोड़ों रुपए के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं के घोटाले से प्राप्त आय के स्रोतों से संबंधित है. ईडी के सूत्रों ने आगे कहा कि वे इन प्रविष्टियों को समझने के लिए डिकोडिंग विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं.

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मामले में तीसरे व्यक्ति के होने की है आशंका
ईडी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमारा लक्ष्य 3 अगस्त से पहले इन प्रविष्टियों को डिकोड करना है, जब तक कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी मौजूदा चरण में हमारी हिरासत में हैं. ताकि हम उनसे और विशिष्ट प्रश्नों के साथ पूछताछ कर सकें. हालांकि, ईडी के सूत्रों ने कहा कि कुछ कोडित प्रविष्टियों की लिखावट चटर्जी या मुखर्जी से मेल नहीं खाती है, जिससे इस खेल में किसी तीसरे व्यक्ति के शामिल होने का संदेह गहरा जाता है.

एक संदिग्ध फोन नम्बर भी मिला
चटर्जी और मुखर्जी के मोबाइल फोन से ईडी के अधिकारियों ने देखा है कि एक विशेष नंबर से नियमित कॉल किया जाता था. ईडी अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए हम अभी संख्या के विवरण का खुलासा करने में सक्षम नहीं हैं. लेकिन, इस नंबर के साथ बातचीत से हमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं.