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नारद घोटाला केसः SC के जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने खुद को बेंच से अलग किया

नारदा स्टिंग (Narada Sting) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) ने नारदा मामले से खुद को अलग कर लिया है. बता दें कि आज नारदा स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी.

Updated on: 22 Jun 2021, 11:25 AM

highlights

  • SC के जस्टिस अनिरूद्ध बोस ने नारदा केस से खुद को अलग किया
  • इस मामले में CBI ने टीएमसी के 4 नेताओं को गिरफ्तार किया था 

नई दिल्ली:

नारदा स्टिंग टेप (Narada Sting Tape) मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) से झटका लगने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने सीबीआई (CBI) द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं की गिरफ्तारी के दिन अपनी और प्रदेश के कानून मंत्री मलय घटक की भूमिका को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा हलफनामा दायर करने की इजाजत नहीं दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन इससे पहले ही न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) ने खुद को अलग कर लिया है.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नारदा घोटाला मामले में आरोपी टीएमसी नेताओं को नजरबंद करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री के आचरण के आधार पर हम किसी अन्य की निजी स्वतंत्रता नहीं छीन सकते. पीठ ने कहा था कि हाईकोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ पहले से ही इस मामले पर गौर कर रही है, ऐसे में फिलहाल दखल देने का कोई कारण नहीं बनता.

यह है पूरा मामला

2016 मार्च में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नारद न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी कर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी थी. इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के 7 सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के एवज में मोटी रकम देते नजर आ रहे थे. इस स्टिंग वीडियो ने जहां विपक्ष को ममता बनर्जी और उनकी सरकार के खिलाफ एक मजबूत हथियार सौंप दिया.

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वहीं ममता और उनकी पार्टी इसे राजनीतिक साजिश करार देते रहे. हाईकोर्ट के सीबीआई से जांच के फैसले और फिर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की मुश्किलें और बढ़ गईं. अब इस साल राज्यपाल की सीबीआई को हरी झंडी के बाद तो राजनीतिक दांव-पेंच और तेज हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक इस स्टिंग ऑपरेशन के लिए मैथ्यू सैमुएल एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के एक दर्जन सांसदों, नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात कर उनको काम कराने के एवज में पैसे देते नजर आते हैं.