पश्चिम बंगाल चुनाव में अब मां सरस्वती की एंट्री, BJP-TMC में लगी ये होड़
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) आमने-सामने है. चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग जारी है.
हुगली:
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) आमने-सामने है. चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग जारी है. इसी क्रम में एक बार फिर पश्चिम बंगाल में खुद को हिंदू हितैषी बताकर सरस्वती पूजा करने की मानो सभी राजनीतिक पार्टियों में होड़ मची हुई है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से जहां बड़े पैमाने पर हुगली जिले में सरस्वती पूजा की जा रही है तो वहीं भाजपा भी इसमें पीछे नहीं हैं. भाजपा की ओर से भी हुगली जिले में कई जगह सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया है, जिसमें भाग लेने के लिए अब केंद्रीय मंत्री भी पहुंच रहे हैं.
इसी तरह के एक पूजा पंडाल में भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी पहुंचे. यहां पूजा-अर्चना के बाद बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी के उस फैसले पर हमला किया, जिसमें वह 22 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डनलप में होने वाली सभा के ठीक बाद 24 फरवरी को उसी डनलप मैदान में सभा करने वाली हैं.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि सिर्फ ऑल इंडिया लिख लेने से टीएमसी ऑल इंडिया पार्टी नहीं बन जाती हैं, क्योंकि वह जहां भी गई है वहां उन्हें करारी हार मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के बाद 24 फरवरी को ममता बनर्जी वहां सभा करने जा रही हैं और 2 दिन बाद 26 को अगर बाबुल सुप्रियो वहां सभा करने जाए तो कम से कम उन्हें नहीं रोकना चाहिए.
बंगाल चुनाव के लिए और अधिक नेताओं को जिम्मेदारी सौंपेगी BJP
पश्चिम बंगाल में पांच केंद्रीय मंत्रियों को तैनात करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की तैयारियों का प्रबंधन और देखरेख के लिए अपने अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है. प्रत्येक नेता को पांच विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लिए चुनावी प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. जिन नेताओं को चुनाव लड़ने या प्रबंधन का अनुभव है, उन्हें पश्चिम बंगाल में यह महत्वपूर्ण काम सौंपा जाएगा. 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं.
पश्चिम बंगाल इकाई के लिए भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि प्रत्येक वरिष्ठ नेता को लगभग पांच विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों को पांच या छह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए जिम्मेदारी दी गई थी. मालवीय ने कहा कि भाजपा के पास बड़ी संख्या में ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें या तो चुनाव लड़ने का अनुभव है या फिर उन्होंने सफलतापूर्वक कार्यकर्ताओं को चुनाव में निर्देशित किया है. वरिष्ठ नेताओं के अनुभव का उपयोग आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में किया जाएगा.
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