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अस्थाई मजदूरों ने ममता सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें पीछे की वजह

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West bengal Assembly Election) से पहले ममता सरकार (Mamata government) के तहत काम करने वाले अस्थाई श्रमिक अब उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ गए हैं.

Updated on: 28 Dec 2020, 05:51 PM

नई दिल्ली :

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West bengal Assembly Election) से पहले ममता सरकार (Mamata government) के तहत काम करने वाले अस्थाई श्रमिक अब उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ गए हैं. ममता सरकार के द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कार्य करने वाले हजारों अस्थाई मजदूरों ने बकाया वेतन नही मिलने को लेकर आज कोलकाता के इंडोर स्टेडियम में जमकर बवाल किया है.

मजदूरों का ये आरोप है कि लॉकडाउन के समय से ही राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे S.L.O अस्थाई मजदूरों का वेतन बंद हो गया था. जिसकी वो लगातार मांग कर रहे थे. आज उसी मांगों को लेकर कोलकाता के इंडोर स्टेडियम में श्रम और कानून मंत्री मलय घटक, नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम और साधन पाण्डे के नेतृत्व में एक बैठक हुई. हालांकि इस बैठक में श्रमिकों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ. जिससे नाराज श्रमिकों ने कार्यक्रम के दौरान ही बावल कर दिया. 

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कार्यक्रम में बवाल होता देख सभी मंत्रियों को कार्यक्रम से जाना पड़ा. वहीं नाराज श्रमिकों ने स्टेडियम के बाहर लगे ममता की पोस्टर और बैनर को फाड़ डाला और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर प्रदर्शन किया. घटना के बाद से मौके पर तनावपूर्ण स्थिति है जिसको देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.