पश्चिम बंगाल के घाटल में भारी बारिश से सड़कें जलमग्न, कई गांव में जलजमाव की समस्या

पश्चिम बंगाल के घाटल में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. यहां पर नदी का जलस्तर पर तेजी से बढ़ रहा है. कई गांवों और शहर के वार्डों में जलजमाव के हालात बने हुए हैं. 

पश्चिम बंगाल के घाटल में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. यहां पर नदी का जलस्तर पर तेजी से बढ़ रहा है. कई गांवों और शहर के वार्डों में जलजमाव के हालात बने हुए हैं. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
heavy rain in bengal

heavy rain in bengal

पश्चिम बंगाल के घाटल में हवा में हवाओं के प्रभाव से भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. हर नदी का जलस्तर बढ़ चुका है. कई गांवों और शहर के वार्डों में जलजमाव के हालात उत्पन्न हो चुके हैं. सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं. प्रशासन ने बताया कि क्षीरपाई में शिलावती नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. चंद्रकोना-1 प्रखंड में दो स्थानों पर शिलावती नदी का बांध टूट गया है. इससे कई गांवों में पानी घुस गया है. 

Advertisment

चंद्रकोना-1 प्रखंड में राहत शिविरों को लगाया गया है. घाटल के अनुमंडल शासक सुमन विश्वास ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. बारिश की वजह से बाढ़ का खतरा नहीं है. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पश्चिमी भाग और बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में यह खतरा है. ऐसे हालात शुक्रवार से बनी हुई थी. भारी बारिश के बाद शनिवार को यहां पर स्थिति बिगड़ गई. यहां पर बाढ़ जैसे हालात बन गए. 

घाटल शहर के 17 वार्डों में 12 में पानी प्रवेश कर चुका है. इस कारण कई सड़कें जलमग्न हो गईं. घाटल ब्लॉक के छह पंचायत क्षेत्रों में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं. सितंबर में चंद्रकोना-1 ब्लॉक के हीराधरपुर और भवानीपुर नदी के तटबंध टूटने से जलभराव देखने को मिला. सिंचाई मंत्री के निर्देशानुसार, सिंचाई विभाग ने उसी बांध के मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है.

नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ​नीचे

वहीं, शनिवार रात को हीराधरपुर और भवानीपुर में शिलावती बांध फिर से टूट गया. इससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया. इसकी वजह से क्षेत्र में चावल की खेती को भारी नुकसान हुआ है. शनिवार दोपहर के वक्त घाटल प्रखंड के मनशुका में बांस की बाड़ टूटने की वजह से स्थानीय लोगों को झूमी नदी पार करने में परेशानी हो रही है. हालांकि, घाटल में कंसावती और रूपनारायण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ​नीचे है. प्रशासन के अनुसार, अगर बरसात नहीं होती तो बाढ़ को लेकर चिंता की किसी तरह की बात नहीं होगी. ऐसी उम्मीद है कि सभी नदियों का जलस्तर कम होना आरंभ हो जाएगा.

आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से हालात पैदा हो गए

घाटल के एसडीओ सुमन बिस्वास के अनुसार, “हाल ही में दाना के प्रभाव की वजह से दो दिनों तक हुई भारी बारिश ने घाटल ब्लॉक, कटा नगर पालिका और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं. इस बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. इससे कृषि पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. किसानों  की धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. कई खेतों में पानी भर जाने से फसलें बर्बाद हो गईं,  जो धान की फसल पहले से तैयार थी, वह भी प्रभावित हुई है.

उन्होंने आगे कहा, “अब स्थिति यह है कि किसान अपनी फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. इसके अलावा, जो खेती की समयसीमा थी, वह भी अब प्रभावित हो चुकी है. किसान समय पर फसल नहीं काट पाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर और भी बुरा असर पड़ेगा. बाढ़ के कारण खेती में इस्तेमाल होने वाले संसाधनों की कमी और फसल की बर्बादी से स्थानीय कृषि पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है.”

Newsnationlatestnews newsnation flood in bengal flood West Bengal
      
Advertisment