पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने फैसला किया है कि कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के शवों को उनके परिवार के सदस्यों को देखने की अनुमति होगी. बनर्जी ने कहा कि फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है. बनर्जी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के (पॉजिटिव रिपोर्ट वाले) मरीजों और इसके संदिग्ध मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल में कोई अंतर नहीं है.
उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि अगर संदेह है कि मरीज की मौत कोविड-19 के कारण हुई है, तो जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 घंटे लगते हैं. परिवार के सदस्यों को तब तक इंतजार करना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्हें इंतजार नहीं करना होगा. हम उन्हें शव को देखने के लिये आंधे घंटे का वक्त देंगे, लेकिन यह कवर के अंदर होगा.अंतिम संस्कार आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक होगा.
वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी सरकार ने मुसलमानों के हक में बड़ा फैसला लिया है. ममता बनर्जी ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन हटाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही लॉकडाउन सप्ताह में दो दिन आगे बढ़ाने का भी फैसला लिया है. 31 अगस्त तक सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन रहेगा.
दरअसल, मुसलमानों का खास त्योहार ईद-उल-अजहा यानी बकरीद एक अगस्त को मनाया जाएगा. मुस्लिम समुदाय इस मौके पर जानवरों की कुर्बानी करते हैं. नमाज पढ़ते हैं. मुस्लिमों के इस पर्व को देखते हुए ममता बनर्जी सरकार (Mamata banerjee government) ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने 1 अगस्त को लॉकडाउन हटाने की घोषणा की है.
Source : News Nation Bureau