कोलकाता एयरपोर्ट के रनवे पर मस्जिद मामले में सियासी पारा हाई, बीजेपी ने ममता सरकार पर साधा निशाना

कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है. इस मामले ने सियासी रूप भी ले लिया है. ममता सरकार को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है और इसे यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही बताया है.

कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है. इस मामले ने सियासी रूप भी ले लिया है. ममता सरकार को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है और इसे यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही बताया है.

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Dheeraj Sharma
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देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्टों में शामिल कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इन दिनों एक बड़े विवाद के केंद्र में है. एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और क्षमता बढ़ाने के लिए दूसरे रनवे का निर्माण प्रस्तावित है, लेकिन रनवे के परिचालन क्षेत्र में मौजूद एक मस्जिद इसके रास्ते में आ रही है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इसे यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इसे जल्द हटाने की आवश्यकता जताई है. बढ़ती उड़ानों की संख्या को देखते हुए एयरपोर्ट को विस्तार की सख्त जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार और मस्जिद कमेटी के असहयोग के कारण स्थिति जटिल होती जा रही है.

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अब इस मामले ने सियासी रूप भी ले लिया है. ममता सरकार को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है और इसे यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही बताया है. 

एएआई की चिंता, सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा

AAI ने साफ तौर पर कहा है कि मस्जिद की मौजूदगी के कारण दूसरे रनवे का थ्रेशहोल्ड 88 मीटर खिसक गया है, जिससे आपात स्थिति में रनवे की क्षमता और विमान के सुरक्षित लैंडिंग-टेकऑफ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. रनवे को लगभग 800 से 900 मीटर आगे बढ़ाने की योजना है, जो तभी संभव है जब अवरोधक ढांचा हटाया जाए.

एएआई की चिंता 2020 के कोझिकोड विमान हादसे से भी जुड़ी है, जिसमें रनवे छोटा होने के कारण विमान घाटी में जा गिरा था और 21 लोगों की जान चली गई थी. उस हादसे के बाद से भारतीय एयरपोर्टों में सुरक्षा मानकों को लेकर सख्ती बढ़ाई गई है.

बीजेपी का आरोप, सुरक्षा से बड़ी ‘तुष्टिकरण राजनीति’?

विवाद के राजनीतिक स्वरूप ने भी तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धार्मिक भावनाओं के कारण राज्य की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है. पार्टी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि सरकार यात्रियों की जान से बड़ा ‘तुष्टिकरण’ को मान रही है.

उन्होंने बताया कि स्वयं नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि मस्जिद सुरक्षित संचालन में बड़ी बाधा है. मालवीय का कहना है- 'यात्रियों की सुरक्षा को राजनीति की बलि नहीं चढ़ाया जा सकता. ममता सरकार को समस्या के समाधान में बाधा नहीं बनना चाहिए.'

मस्जिद कमेटी की आपत्ति, स्थानांतरण पर असहमति

वहीं मस्जिद कमेटी का कहना है कि वे किसी भी स्थिति में मस्जिद को हटाने या स्थानांतरित करने के पक्ष में नहीं हैं. कमेटी के सदस्यों का तर्क है कि मस्जिद लंबे समय से वहां स्थित है और इसे हटाना धार्मिक आस्था पर चोट जैसा है. इस असहमति ने मसले को और जटिल बना दिया है.

एयरपोर्ट विस्तार की आवश्यकता क्यों?

कोलकाता एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. आधुनिकीकरण योजना का लक्ष्य है कि एयरपोर्ट की क्षमता को दोगुना किया जाए, अधिक उड़ानों को समायोजित किया जाए और बड़े विमानों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जाए. क्योंकि अगर दूसरा रनवे समय पर तैयार नहीं होता, तो...

-विमानों की लैंडिंग-टेकऑफ में देरी बढ़ेगी

- सुरक्षा जोखिम बढ़ेंगे

- एयरपोर्ट का विस्तार ठप पड़ सकता है

- समाधान खोजने की आवश्यकता

कोलकाता एयरपोर्ट का यह विवाद अब सुरक्षा, राजनीति और धार्मिक भावनाओं के चौराहे पर खड़ा है. यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, वहीं धार्मिक ढांचों के पुनर्वास का निर्णय संवेदनशीलता से लिया जाना चाहिए. समाधान ऐसा होना आवश्यक है, जो विकास और सम्मान दोनों के बीच संतुलन बनाए.

West Bengal Mamata Banerjee
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