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नारदा केस: जेल में बंद TMC के मंत्री सुब्रत मुखर्जी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) द्वारा गिरफ्तार किए गए ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुब्रत मुखर्जी तबीयत खराब हो गई है.

Updated on: 18 May 2021, 11:43 AM

highlights

  • TMC के मंत्री सुब्रत मुखर्जी की तबीयत बिगड़ी
  • पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल में भर्ती हुए
  • कल सीबीआई ने किया था सुब्रत को गिरफ्तार

कोलकाता:

नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले ( Narada case ) में केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) द्वारा गिरफ्तार किए गए ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) की सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुब्रत मुखर्जी ( Subrata Mukherjee ) तबीयत खराब हो गई है. सोमवार को सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद सुब्रत मुखर्जी को प्रेसीडेंसी जेल में रखा गया. लेकिन जेल जाने के बाद 24 घंटों के अंदर ही सुब्रत मुखर्जी बिगड़ गई है. फिलहाल उनको पुलिस की कस्टडी में कोलकाता ( Kolkata ) को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सुब्रत मुखर्जी के अलावा विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में भर्ती कराया गया है.

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बता दें कि सोमवार को नारदा स्टिंग टेप मामले में सीबीआई ने सुब्रत मुखर्जी के अलावा कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम के साथ-साथ वर्तमान विधायक मदन मित्रा और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर सोवोन चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सीबीआई ने पहले चारों के घर छापा मारा और फिर उन्हें सीबीआई दफ्तर ले जाया गया. यहां पूछताछ के बाद सीबीआई ने चारों को गिरफ्तार कर लिया. इन गिरफ्तारियों के बाद सोमवार सुबह से शाम तक राज्य में भारी ड्रामा देखने को मिला.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई के कोलकाता कार्यालय में धरना दिया. तृणमूल के हजारों समर्थकों ने निजाम पैलेस को घेर लिया और कार्यालय की रखवाली कर रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर पथराव किया. स्थानीय पुलिस नाराज तृणमूल समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली. बाद में सुरक्षाबलों को आगे आना पड़ा, जिन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया. इसके अलावा भी बंगाल के अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए.

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दिनभर चले ड्रामे के बाद तृणमूल के चारों नेताओं ने सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत अर्जी लगाई और सोमवार शाम को अंतरिम जमानत भी मिल गई. लेकिन इसके बाद फिर नया मोड़ आया. सत्ता पक्ष के चार दिग्गजों को जमानत दिए जाने के ठीक बाद, केंद्रीय जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय का रुख किया और मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने और मुकदमे को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की अपील की. जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इन चारों नेताओं को जमानत देने के विशेष सीबीआई अदालत के आदेश पर सोमवार की देर रात रोक लगा दी.