Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद सड़कों पर सन्नाटा, इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित, ये हैं ताजा हालात

मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. इंटरनेट सेवाएं भी 15 अप्रैल रात 10 बजे तक बंद कर दी गई हैं. वहीं हिंसा के बाद सियासी पारा भी हाई है. बीजेपी ने मामले की एनआईए जांच के साथ राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है.

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Dheeraj Sharma
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Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर लगातार तीसरे दिन भी तनाव का माहौल बना हुआ है. विरोध-प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है, जिसमें कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है. जले हुए वाहन, लूटपाट की गई दुकानें और फार्मेसी में तोड़फोड़ – ये नजारे इस बात का गवाह हैं कि मामला सिर्फ एक विरोध तक सीमित नहीं रहा.  प्रशासन हालात पर नियंत्रण पाने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है, लेकिन स्थिति अब भी पूरी तरह से शांत नहीं हो पाई है. आइए जानते हैं अब तक के ताजा हालात कैसे हैं...

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सड़कों पर सन्नाटा, बाजार बंद

बता दें कि रविवार से ही मुर्शिदाबाद की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.  जहां कभी चहल-पहल हुआ करती थी, वहां अब पुलिस और अर्धसैनिक बलों की गश्त दिखाई दे रही है. सोमवार को भी ज्यादातर हिस्सों में सन्नाटा ही पसरा हुआ है.  दुकानों के शटर नीचे हैं और लोग घरों में ही कैद. जनजीवन लगभग ठप सा हो गया है. 

इंटरनेट सेवाएं बंद, अफवाहों पर लगाम की कोशिश

सरकार और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बन चुकी हैं सोशल मीडिया के जरिए फैल रही अफवाहें. फर्जी खबरें और उकसाने वाले संदेशों के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया है. 

पहले ये निलंबन सिर्फ मुर्शिदाबाद के सुती, जंगीपुर, धुलियान और समसेरगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों तक सीमित था, लेकिन अब इसे मालदा और बीरभूम जिलों तक बढ़ाया गया है. 

15 अप्रैल रात 10 बजे तक बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं

प्रशासन का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से एहतियातन उठाया गया है ताकि गलत सूचनाओं के फैलाव को रोका जा सके. इंटरनेट सेवाएं 15 अप्रैल की रात 10 बजे तक बंद रहेंगी. उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर यह तय किया जाएगा कि सेवाएं बहाल की जाएं या नहीं. 

राज्य पुलिस और सीएपीएफ की संयुक्त गश्त शुरू

शनिवार रात से ही राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवानों ने संयुक्त रूप से गश्त करना शुरू कर दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट की विशेष खंडपीठ के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया. सुरक्षा बलों की तैनाती का मकसद है दंगाग्रस्त इलाकों में शांति बहाल करना और जनता में विश्वास लौटाना.

बीएसएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया

मुर्शिदाबाद और मालदा, दोनों जिले बांग्लादेश से लगते हैं, इसलिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) को भी सतर्क कर दिया गया है. खास तौर पर बॉर्डर इलाकों में निगरानी तेज कर दी गई है ताकि कोई भी चरमपंथी तत्व सीमा पार से भारत में घुसपैठ न कर सके और अशांति को और न भड़का सके.  बताया जा रहा है कि BSF के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. 

स्थानीय लोगों में डर का माहौल

हिंसा के चलते आम नागरिकों में भय का वातावरण बन गया है. कई स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने वर्षों में ऐसा तनावपूर्ण माहौल नहीं देखा. स्कूल-कॉलेज, दफ्तर, बाजार – सब कुछ बंद है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

प्रशासन की अपील – अफवाहों से बचें

वहीं प्रशासन की ओर से लगातार यह अपील की जा रही है कि लोग सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें. कोई भी जानकारी केवल सरकारी सूत्रों से ही लें. साथ ही, शांति बनाए रखने और सहयोग करने की अपील भी की गई है.

बीजेपी ने की NIA जांच की मांग

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सियासी पारा भी हाई है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक  शुवेंदु अधिकारी का बयान सामने आया है. उन्होंने प्रदेश सरकार को इस हिंसा से निपटने में न सिर्फ नाकाम बताया बल्कि मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच की मांग भी की है. 

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