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File Photo
Bengal: पश्चिम बंगाल में 2011 से ममता बनर्जी की सरकार में बांग्लादेश की सीमा से सटे नौ जिलों में वोटरों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. चुनाव आयोग के अनुसार, 2002 में प्रदेश में 4.15 करोड़ वोटर्स थे, जो अब 7.63 करोड़ हो गए हैं. 23 साल में 66 प्रतिशत वोटरों की वृद्धि हुई है. इसी बात पर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने हो गए हैं.
जानें क्या बोली भाजपा-कांग्रेस
मामले में भाजपा का कहना है कि बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों का ये सबूत है, इसी वजह से बांग्लादेश से सटे नौ जिलों में आबादी तेजी से बढ़ी है. वहीं, तृणमूल ने इस बारे में दावा किया कि बांग्लादेश से इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थी यहां आए हैं, जिस वजह से वोटरों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. टीएमसी प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा कि बांग्लादेश में इसी अवधि में हिंदू आबादी आठ प्रतिशत तक गिरी है. टीएमसी का कहना है कि मुस्लिम घुसपैठ वाली बात सिर्फ एक फर्जी नैरेटिव है.
क्यों चिंताजनक है ये ट्रेंड
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने टीएमसी पर वोट बैंक के लिए घुसपैथियों को शरण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ये ट्रेंड चिंताजनक है. कई वर्षों से हम कह रहे थे कि सीमा पर घुसपैठ बढ़ी है. डेटा भी यही दिखा रहा है. आने वाले वक्त में कई जिले पूर्ण रूप से मुस्लिम बहुल हो जाएंगे, जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ घुसपैठ ही है.
कौन से जिलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी?
चुनाव आयोग बंगाल के सभी 23 जिलों में एसआईआर करवा रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़े की मानें तो मालदा, उत्तर 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, नादिया, दक्षिण 24 परगना, दक्षिण दिनाजपुर और कूचबिहार में मतदाताओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है.
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