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ममता प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बजाय धनराशि के खर्च का लेखा जोखा दें: दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को दावा किया कि केंद्र द्वारा प्रदत्त कोष का लेखा-जोखा जमा करने से बचने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में संबंधित विषय पर बैठक में हिस्सा लेने के बजाय पत्र लिखकर राज्य के हिस्से की धनराशि क

Updated on: 24 Feb 2020, 01:00 AM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (dilip ghosh) ने रविवार को दावा किया कि केंद्र द्वारा प्रदत्त कोष का लेखा-जोखा जमा करने से बचने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दिल्ली में संबंधित विषय पर बैठक में हिस्सा लेने के बजाय पत्र लिखकर राज्य के हिस्से की धनराशि को जारी करने की मांग की है. घोष ने कहा कि केंद्र राज्य को पर्याप्त धनराशि देता है। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा उपयोग नहीं किये जाने की वजह से केंद्र को रकम लौटा दी जाती है. लोकसभा सदस्य घोष ने कहा,‘ केंद्र रकम देने को तैयार है लेकिन उसके द्वारा दी गयी धनराशि खर्च नहीं की जाती है और लौटा दी जाती है. मिली धनराशि को खर्च कीजिए और फिर खर्च का लेखा जोखा दीजिए.’

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वह बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गये पत्र के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे. इस पत्र में राज्य के लिए धनराशि जारी करने की मांग की गयी है. घोष की टिप्पणी पर राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि बनर्जी ने मांगों को लेकर कोलकाता और नयी दिल्ली में भी प्रधानमंत्री से भेंट की थी.

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री निश्चित ही उन मांगों को दोहराएंगी जब वह प्रधानमंत्री से फिर मिलेंगी.’ घोष के इस दावे पर कि बनर्जी ने धनराशि के खर्च का लेखा जोखा पेश करने से बचने के लिए पत्र लिखा, हकीम ने कहा कि सरकार लिखित काम करती है इसलिए सारी चीजें दस्तावेजों में हैं,