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केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी ममता सरकार, दो दिन का विशेष सत्र आज से

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ गतिरोध जारी है. दिल्ली में मचे किसानों के बवाल के बाद पश्चिम बंगाल की सरकार इन कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने जा रही है.

Updated on: 27 Jan 2021, 08:13 AM

कोलकाता:

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ गतिरोध जारी है. दिल्ली में मचे किसानों के बवाल के बाद पश्चिम बंगाल की सरकार इन कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने जा रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से शुरू होने वाला है. इस सत्र के दूसरे और आखिर दिन गुरुवार को ममता बनर्जी की सरकार केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश करेगी और इन कानूनों को रद्द करने की मांग की जाएगी.

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पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी का कहना है कि गुरुवार (28 जनवरी) को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रस्ताव को नियम 169 के तहत पेश किया जाएगा. पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस मुद्दे पर सदन के अंदर लगभग दो-ढाई घंटे तक चर्चा की जाएगी. बता दें कि राज्य की टीएमसी सरकार पहले इस प्रस्ताव को लेफ्ट और कांग्रेस के साथ मिलकर लाना चाहती थी, लेकिन यह प्रस्ताव फेल हो गया. कांग्रेस और लेफ्ट कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में नियम 185 के तहत प्रस्ताव लाना चाहती थीं.

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बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी ने बताया कि कांग्रेस और लेफ्ट इस प्रस्ताव को नियम 185 के तहत लाना चाहती थीं. लेकिन एक मुद्दे पर अलग-अलग नियमों के तहत दो प्रस्ताव लाने का कोई मतलब नहीं है? उधर, इस पर लेफ्ट और कांग्रेस का कहना है कि दोनों पार्टियां चर्चा में हिस्सा लेंगी और सदन में अपने विचार रखेंगी.

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उल्लेखनीय है कि नियम 169 के तहत विधानसभा में सरकार प्रस्ताव देती है, जबकि नियम 185 के तहत कोई भी पार्टी सदन में प्रस्ताव ला सकती है. मालूम हो कि अभी तक 5 गैर बीजेपी राज्य नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी अपनी विधानसभा में प्रस्ताव पारित करा चुके हैं, इन राज्यों में दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और केरल हैं.