TMC नेताओं की गिरफ्तारी से ममता बनर्जी डरीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध की घोषणा
अभिषेक बनर्जी ने दावा किया था कि आने वाले छह महीनों में लोग नई टीएमसी देखेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों को उम्मीद है कि उनके द्वारा क्या करें और क्या न करें की सूची भी घोषित की जाएगी.
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा के लगातार राजनीतिक हमलों और टीएमसी नेताओं के भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी से सतर्क हो गयीं हैं. ममता बनर्जी अपने शासन और राजनीति की कार्यशैली में बदलाव लाने जा रही हैं. टीएमसी के दिग्गज नेताओं की गिरफ्तारी से आहत पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 7 सितंबर को प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक करेंगी और एक दिन बाद 2023 के पंचायत चुनावों से पहले जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए बूथ स्तर की बैठक करेंगी.
सूत्रों ने कहा कि बनर्जी दुर्गा पूजा से पहले अपनी पार्टी का जायजा लेना चाहती हैं, यह देखते हुए कि एसएससी घोटाले में पार्थ चटर्जी और पशु तस्करी मामले में बीरभूम प्रमुख अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी की छवि खराब हुई है. एसएससी घोटाले में सिर्फ पार्टी ही नहीं, बनर्जी सरकार की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.
7 सितंबर को सभी जिलाधिकारियों, सभी जिलों के एसपी, आयुक्तों, विभाग सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया गया है. बैठक से पहले हर विभाग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के अभियान पर जोर दे रही हैं, ऐसे में बैठक अहम होगी.
पार्टी के मोर्चे पर, बनर्जी 8 सितंबर को 1,840 ब्लॉक नेताओं और 17,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, “एक बदलाव आया है. प्रखंड स्तर पर भ्रष्ट लोगों को पंचायत का टिकट नहीं मिलेगा. मुझे लगता है कि यह संदेश पार्टी प्रमुख द्वारा स्पष्ट रूप से दिया जाएगा. ”
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पहले भ्रष्टाचार मुक्त संगठन के बारे में बात की थी. टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने प्रत्येक जिला नेता से मुलाकात की और ब्लॉक नेताओं को बदलने से पहले एक स्वतंत्र समीक्षा की.
अभिषेक बनर्जी ने दावा किया था कि आने वाले छह महीनों में लोग नई टीएमसी देखेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों को उम्मीद है कि उनके द्वारा क्या करें और क्या न करें की सूची भी घोषित की जाएगी.
बंगाल में 2018 के पंचायत चुनाव हिंसा से प्रभावित थे. बीरभूम में, जहां अनुब्रत मंडल टीएमसी प्रमुख थे, पार्टी ने निर्विरोध जीत हासिल की, जिससे विपक्ष के आरोपों को बल मिला कि टीएमसी ने अन्य उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया.
टीएमसी को 2019 में 2018 की हिंसा का खामियाजा भुगतना पड़ा और इस प्रकार, अभिषेक बनर्जी द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं कि भले ही पार्टी कुछ स्थानों पर हार जाए, बाहुबल का उपयोग नहीं किया जाएगा. टीएमसी प्रमुख की बैठकों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा ने कहा: “लोग टीएमसी को समझ गए हैं. इन सभाओं और स्वच्छता अभियान का कोई असर नहीं होगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी