logo-image

BJP बोली- ममता सरकार बंगाल के किसानों को केंद्रीय लाभ से वंचित कर रही

पश्चिम बंगाल में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना लागू नहीं करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा ने शुक्रवार को ममता बनर्जी सरकार पर किसानों को केंद्र द्वारा दिए जा रहे नकद लाभ से वंचित करने का आरोप लगाया.

Updated on: 25 Dec 2020, 03:38 PM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना लागू नहीं करने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा ने शुक्रवार को ममता बनर्जी सरकार पर किसानों को केंद्र द्वारा दिए जा रहे नकद लाभ से वंचित करने का आरोप लगाया. भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राज्य के करीब 23 लाख किसानों ने इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपने नाम पंजीकृत कराए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी पहचान करने और लाभार्थियों की सूची केंद्र को सौंपने से इनकार कर दिया है.

मालवीय ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब 72 लाख किसानों में से तकरीबन 23 लाख ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभ पाने के लिए खुद केंद्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, लेकिन पीशी (आंटी के लिए बांग्ला शब्द) उन्हें सत्यापित नहीं करेंगी. पश्चिम बंगाल में प्रत्येक किसान को अब तक 14,000 रुपये का नुकसान हो चुका है और राज्य को 9,800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.

मालवीय ने कहा कि आज, जब प्रधानमंत्री देशभर के नौ करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करेंगे तो पश्चिम बंगाल के किसान उससे वंचित रह जाएंगे क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनकी पहचान करने और लाभार्थियों की सूची केंद्र को सौंपने से मना कर दिया है. पीशी के अहंकार का मतलब है किसानों की परेशानी. उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा 2016-17 में किसानों की जो औसत मासिक आमदनी बताई गई थी, उस लिहाज से पश्चिम बंगाल 29 राज्यों में 24वें स्थान पर आता है.

पीशी ने किसानों को निराश किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ के तहत नौ करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की किस्त जारी की. मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के जल संपन्न राज्य होने के बाद भी सिंचाई की स्थिति खराब है.