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बंगाल सीएम-गवर्नर की रार हुई तीखी, धनखड़ ने कहा दे दूंगा इस्तीफा

यह बयान कि मैं ताज बंगाल से अपना भोजन मंगाता हूं, 100 प्रतिशत गलत है. मुख्यमंत्री को इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना शोभा नहीं देता. अगर यह सही साबित होता है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.

Updated on: 03 Feb 2022, 03:08 PM

highlights

  • दीदी ने राज्यपाल की तुलना घोड़ों से की थी
  • आरोप लगाया कि ताजबंगाल से आता है खाना
  • धनखड़ ने किया पलटवार और गिनाईं खामियां

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. राज्यपाल धनखड़ ने एक बार फिर सीएम बनर्जी पर निशाना साधा. राज्य के संवैधानिक प्रमुख धनखड़ ने अब चुनौती देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप अगर सही साबित हो जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे. धनखड़ बनर्जी के उस आरोप पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें सीएम ने कहा था कि राज्यपाल हर दिन लग्जरी ताज बंगाल से खाना मंगवाते हैं.

धनखड़ ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री का बयान पढ़ा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है. यह बयान कि मैं ताज बंगाल से अपना भोजन मंगाता हूं, 100 प्रतिशत गलत है. मुख्यमंत्री को इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना शोभा नहीं देता. अगर यह सही साबित होता है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. बनर्जी की टिप्पणी धनखड़ द्वारा मां कैंटीन के वित्तीय आवंटन पर सवाल उठाने के बाद आई है. मां कैंटीन महामारी की स्थिति के दौरान गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई एक सब्सिडी वाली सामुदायिक कैंटीन सुविधा है.

धनखड़ ने कहा, मैंने मां कैंटीन के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए संवैधानिक आवंटन के बारे में कहा है. कैंटीन फरवरी 2021 के मध्य से चालू हुई, लेकिन संवैधानिक आवंटन 1 अप्रैल से किया गया था. राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में यह देखना मेरा कर्तव्य है कि संविधान के अनुसार सभी मानदंडों का पालन किया जा रहा है या नहीं. मुझे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है. बुधवार को तृणमूल कांग्रेस की निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बाद, बनर्जी ने राज्यपाल के खिलाफ फिर से हमला किया और आरोप लगाया कि राजभवन से फाइलें जारी नहीं की जाती हैं.

आरोपों का खंडन करते हुए, धनखड़ ने कहा, फाइलों के बारे में जो बात की गई है, उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है. मेरी मेज पर एक भी फाइल लंबित नहीं है. अगर कोई मुद्दे लंबित हैं, तो उनकी सरकार को जवाब देना होगा, लेकिन सरकार जवाब देने में विफल रही है. उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह के बेतुके आरोपों की निंदा की. धनखड़ कहा, मेरे खिलाफ गाली-गलौज और अपशब्दों का प्रयोग किया गया है, लेकिन मैं एक बात बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे अपने संवैधानिक रास्ते पर चलने से कोई नहीं रोक सकता. मैं निर्वाचित नहीं हूं, यह सच है, लेकिन मैं संविधान से बंधा हूं और यह देखना मेरा कर्तव्य है कि संवैधानिक मानदंडों का पालन किया जाए.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की ओर से उनकी तुलना घोड़े से करने को लेकर भी उनकी तीखी आलोचना की. संगठनात्मक चुनावों के बाद बोलते हुए, बनर्जी ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक घटना का जिक्र करते हुए उनकी तुलना घोड़ों से कर दी थी. दरअसल राज्यपाल धनखड़ का बिना नाम लिए ममता बनर्जी ने कहा था कि घोड़ों का एक झुंड बंगाल भेजा गया है और मैंने गणतंत्र दिवस पर घोड़ों में से एक देखा और वह दिन-रात मेरा अपमान करता है.  इस पर धनखड़ ने कहा, उनका इस तरह बोलना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते, उनसे इस तरह की भाषा की उम्मीद नहीं है. मुझे राज्य में ढाई साल हो गए हैं और मैंने 900 से ज्यादा ट्वीट किए हैं, लेकिन मैंने कभी मुख्यमंत्री के प्रति अनादर नहीं दिखाया. मेरे मन में अब भी उनके लिए बहुत सम्मान है.