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accused manojit mishra Photograph: (social)
Kolkata Law College Gangrape Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में जांच बड़ी तेजी से आगे बढ़ी है. पुलिस ने शनिवार को इस सनसनीखेज मामले में 650 पन्नों की चार्जशीट अलीपुर स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल कर दी. चार्जशीट में चार आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनमें कॉलेज का पूर्व छात्र और मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, उसके साथी जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी और कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल हैं. फिलहाल, सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.
दरार से बनाए गए अश्लील वीडियो
जांच के दौरान पुलिस को अहम सबूत हाथ लगे. मुख्य आरोपी मिश्रा ने पीड़िता के कई वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया था. पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन से छात्रा से जुड़े कई अश्लील वीडियो बरामद किए हैं. ये वीडियो कॉलेज परिसर की दीवार में लगे एग्जॉस्ट फैन की दरार से चुपके से बनाए गए थे. वीडियो में आरोपियों की आवाज भी दर्ज है, जिसे वॉइस सैंपल से मिलान कर पुष्टि की गई है.
मेडिकल रिपोर्ट और डीएनए से हुआ खुलासा
चार्जशीट के अनुसार मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई है. साथ ही पीड़िता के शरीर से लिए गए सैंपल की डीएनए रिपोर्ट भी मुख्य आरोपी से मेल खा गई. इसके अलावा, पुलिस ने घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किया है. फुटेज में आरोपी पीड़िता को जबरन घसीटते और बंधक बनाते दिख रहे हैं. पुलिस ने बताया कि आरोप तकनीकी, वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित हैं.
सुरक्षा गार्ड की मिलीभगत का भी खुलासा
इस पूरे मामले में कॉलेज गार्ड पिनाकी बनर्जी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. आरोप है कि उसने छात्रा की मदद करने के बजाय अपराधियों को अपना कमरा इस्तेमाल करने दिया. यही वजह है कि चार्जशीट में उसे भी आरोपी बनाया गया है.
घटनाक्रम : कब क्या हुआ
- 25 जून : कॉलेज परिसर में प्रथम वर्ष की छात्रा से गैंगरेप.
- 26 जून : मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा और उसके साथी जैब अहमद व प्रमित मुखर्जी गिरफ्तार.
- 27 जून : सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी की गिरफ्तारी.
- 24 अगस्त : पुलिस ने अदालत में 650 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की.
राजनीतिक पृष्ठभूमि पर भी सवाल
मामले का मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा कभी तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) का कॉलेज अध्यक्ष रह चुका है. हालांकि, संगठन का कहना है कि पिछले दो साल से उसका मिश्रा से कोई संबंध नहीं है. फिलहाल, अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा पेश किए गए वैज्ञानिक और तकनीकी सबूत इस पूरे केस में निर्णायक भूमिका निभाएंगे.
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