Kolkata Gang Rape Case: कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि यह कोई अचानक घटी घटना नहीं थी, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित और संगठित अपराध के तौर पर अंजाम दिया गया था.
दरिंदों ने पहले से बना ली थी योजना
कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने बताया है कि गिरफ्तार चार आरोपियों में से तीन मनोजीत मिश्रा, प्रतीम मुखर्जी और जैद अहमद ने पहले से ही इस हमले की योजना बना रखी थी. ये तीनों आरोपी कॉलेज में पहले भी यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं में शामिल रह चुके हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपी छात्राओं को लंबे समय से निशाना बनाते आ रहे थे और उनके खिलाफ कई मौखिक शिकायतें पहले भी कॉलेज प्रशासन को दी जा चुकी थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
सुरक्षा गार्ड भी निकला आरोपी
एसआईटी की जांच रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक चौथा आरोपी कोई और नहीं, बल्कि कॉलेज का सुरक्षा गार्ड है. वह न केवल वारदात का गवाह था, बल्कि उसमें शामिल भी था. आरोपियों ने वारदात के बाद पीड़िता का मुंह बंद रखने के लिए गार्ड का मोबाइल छीन लिया, जिससे कि कोई रिकॉर्डिंग लीक न हो.
वीडियो रिकॉर्डिंग से करते थे ब्लैकमेल
SIT की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आरोपित अपने मोबाइल से यौन उत्पीड़न की घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करते थे. बाद में इन वीडियो का उपयोग ब्लैकमेलिंग के लिए करते थे. कुछ वीडियो को तो वाट्सएप ग्रुपों में शेयर करके मनोरंजन और उपहास का माध्यम बनाया जाता था.
प्रभावशाली तृणमूल नेता बना अपराध का केंद्र
मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जो कि स्थानीय स्तर पर एक तृणमूल कार्यकर्ता है, पहले से ही एक प्रभावशाली छवि बनाए हुए था. उस पर पहले भी छेड़छाड़, मारपीट और जबरन वसूली के कई केस दर्ज हैं. अप्रैल में पुलिस से मारपीट के मामले में उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी, जिससे उसका मनोबल और बढ़ गया.
कॉलेज के छात्रों के अनुसार, मनोजीत को 'मैंगो' के नाम से जाना जाता था और वह महिलाओं की तस्वीरें मॉर्फ करके वायरल करता था.
जांच में जुटी पुलिस, छात्रों से होगी पूछताछ
पुलिस ने उस दिन कॉलेज में मौजूद 17 छात्रों की सूची तैयार की है, जिनसे पूछताछ की जाएगी. यह मामला कोलकाता की शैक्षणिक संस्थाओं में बढ़ते अपराध और राजनीतिक संरक्षण की भयावह तस्वीर को उजागर करता है.
यह घटना सिर्फ एक छात्रा के साथ नहीं, बल्कि सामाजिक तंत्र, महिला सुरक्षा और संस्थागत जिम्मेदारी पर गहरा सवाल है. जरूरत है कि ऐसे अपराधियों को सिर्फ गिरफ्तार नहीं, बल्कि कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण मिल सके.
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