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ममता बनर्जी( Photo Credit : फाइल फोटो)
पश्चिम बंगाल में भी लगातार कोरोना वायरस (coronavirus) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अभी तक यहां कोरोना के 22 केस मिले हैं. जिसमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार कोरोना वायरस को कंट्रोल करने की दिशा में काम कर रही है. कभी वो सड़कों पर उतर आती है कानून व्यवस्था को देखने के लिए तो कभी अस्पतालों में औचक निरीक्षण करने पहुंच जाती है.
रविवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने उनकी बीमा राशि दोगुनी कर दी जो लगातार कोरोना के बीच काम कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट में मदद करने वाले सभी लोगों के लिए बीमा कवरेज 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है. जिसमें निजी, सरकारी, परिवहन केंद्रों के कर्मचारी शामिल हैं जैसे कि डॉक्टर, नर्स, पुलिस एवं कूरियर सेवाएं हैं.
Insurance coverage has been increased from Rs 5 lakhs to Rs 10 lakhs for all those who are helping in this health crisis, including staff at private/government/transportation centres such as doctors/nurses/police/courier services: West Bengal CM Mamata Banerjee. #COVID19pic.twitter.com/bVkYDWWUHl
— ANI (@ANI) March 30, 2020
ममता बनर्जी ने राहत कोष में योगदान करने की कि थी अपील
वहीं, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बाद कई मुख्य शिक्षण संस्थानों ने पश्चिम बंगाल राज्य आपदा राहत कोष में मदद देने का संकल्प लिया है. मुख्यमंत्री बनर्जी ने 27 मार्च को राज्य और विदेश में रहने वाले लोगों और विभिन्न संगठनों से अपील की थी कि वे राहत कोष में योगदान दें.
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मदद के लिए कई हाथ आगे आए
इसके बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय, यादवपुर विश्वविद्यालय और सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय ने आर्थिक सहायता देने की पेशकश की है. सेंट जेवियर्स कॉलेज (स्वायत्त) कोलकाता भी मदद के लिए आगे आया है. कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाली चक्रबर्ती बनर्जी ने कहा कि वह प्रो वीसी और रजिस्ट्रार से इस राहत कोष में शीघ्र ही ‘पर्याप्त राशि’ देने के लिए चर्चा कर रही हैं.
शांतिनिकेतन के केंद्रीय विश्वविद्यालय के कर्मचारी देंगे एक दिन का वेतन
वहीं यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान की अपील की है. वहीं इसी तरह की प्रतिबद्धता सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय के कुलपति फादर फेलिक्स राज ने भी लिया है. उन्होंने बताया कि राशि जुटाने का काम शुरू हो गया है और प्रशासन को उम्मीद है कि वह जल्द ही संबंधित प्राधिकार के पास राशि भेज देंगे.
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वहीं, शांतिनिकेतन के केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती के संकाय कर्मी और अन्य कर्मचारी भी मार्च महीने के एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में करेंगे.
(इनपुट भाषा)