पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद वोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे. यहां पर उन्होंने राहत शिविर में जाकर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की. राज्यपाल ने राहत शिविर में पहुंचते यहां पर अफरा-तफरी मच गई. यहां पर हिंसा पीड़ितों की सहायता के लिए स्थानीय लोग राज्यपाल से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. वहीं, राज्यपाल बोस ने कहा,' मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. उन्होंने इस पर विस्तृत चर्चा की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और भावनाओं को समझा. उन्होंने बताया कि वे क्या चाहते हैं, निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी.' राज्यपाल के अनुसार, महिलाओं ने बताया कि उन्हें धमकाया गया, बदमाश उनके घरों में घुस गए. इसके साथ मारपीट की. उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया गया.
राज्यपाल ने मालदा का दौरा रद्द नहीं किया
दरअसल, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को हुई हिंसा के बाद कई हिंदू परिवारों को पलायन का सामना करना पड़ा. इसके कारण मालदा में उन्हें शरण लेना पड़ी. हालांकि सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल से वहां ना जाने की अपील की. इसके साथ कर्तव्य का हवाला देकर राज्यपाल ने मालदा का दौरा रद्द नहीं किया. राज्यपाल के अनुसार, हालात का जायजा लेकर और पीड़ित परिवारों से बात करके केंद्र सरकार को वे अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर खत्म हो चुका है. ऐसे ही शांति और सौहार्द स्थापित हो सकता है.
बेघर लोगों के समूह को गवर्नर से मुलाकात करवाई थी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस से अपील की थी कि वे मुर्शिदाबाद जिले का दौरा कुछ वक्त के लिए टाल दें. इस समय सीएम ने कहा था कि वे राज्यपाल से अपील करेंगी कि वे कुछ दिनों का इंतजार करें. विश्वास बहाली के उपाय हो रहे हैं. सीएम ने कहा कि स्थिति सामान्य हो रही है. राज्यपाल के मालदा दौरे से पहले भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रमुख सुकांत मजूमदार ने गुरुवार (17 अप्रैल) को मुर्शिदाबाद दंगों में बेघर लोगों के समूह को राजभवन ले जाकर गवर्नर से मुलाकात करवाई थी. इन पीड़ितों ने राज्यपाल को अपनी आपबीति सुनाई थी.