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EC ने बंगाल में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर दिए सख्त एक्शन के निर्देश

West Bengal Assembly Election : पश्चिम बंगाल में छह चरणों का मतदान संपन्न हो गया है, जबकि अब सिर्फ दो चरण की वोटिंग बाकी है. इस बीच देश में एक बार फिर कोरोना के मरीजों (Corona Patient) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.

Updated on: 24 Apr 2021, 08:41 PM

नई दिल्ली:

West Bengal Assembly Election : पश्चिम बंगाल में छह चरणों का मतदान संपन्न हो गया है, जबकि अब सिर्फ दो चरण की वोटिंग बाकी है. इस बीच देश में एक बार फिर कोरोना के मरीजों (Corona Patient) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. कई राज्यों के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना के गंभीर खतरे के बीच पश्चिम बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान कोविड 19 प्रोटोकॉल के पालन को लेकर चुनाव आयोग गंभीर हुआ है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को बंगाल के मुख्य सचिव, अपरसचिव गृह सहित अन्य अफसरों के साथ वर्चुअल बैठक लेकर कई निर्देश जारी किए. चुनाव आयोग ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल या नेता चुनाव प्रचार के दौरान कोविड 19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. 

मुख्य चुनाव आयुक्त को बैठक के दौरान बताया गया कि आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने 2.46 करोड़ मास्क और 17 लाख से अधिक फेसशील्ड मतदान कर्मियों को बांटे. इसी तरह ग्लव्स, सैनिटाइजर, प्लास्टिक बैग, पीपीई किट आदि उपकरण भी चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों को दिए गए. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कमीशन के निर्देश पर सभी 294 विधानसभाओं में नोडल हेल्थ अफसर नियुक्त किए गए हैं.

चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना के कारण कदम-कदम पर सावधानी बरतने की जरूरत है. उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाए.

ऑक्सीजन आपूर्ति पर केंद्र, बंगाल में तकरार

देश के कोरोना मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बीच दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के बाद एक राज्य से दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं. इससे एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से राज्य के लिए निर्धारित ऑक्सीजन को अन्य राज्यों में न भेजे जाने की अपील की थी. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिना किसी बाधा के ऑक्सीजन का परिवहन सुनिश्चित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है.

एमएचए के तहत आपदा प्रबंधन प्रभाग द्वारा सभी मुख्य सचिवों को लिखे गए एक पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्रों से आपूर्ति आवंटन के अनुसार की जाए और परिवहन बिना किसी बाधा के हो.

बनर्जी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि केद्र सरकार राज्यों के लिए निर्धारित ऑक्सीजन को अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर रही हैं. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, "जब पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहा है, तो उन्होंने राज्य के लिए निर्धारित ऑक्सीजन को उत्तर प्रदेश में मोड़ने का फैसला किया. सेल - जो हमें ऑक्सीजन की आपूर्ति करता था, उसे यूपी में ऑक्सीजन भेजने के लिए कहा गया. इससे हमारे राज्य में संकट की और वृद्धि हो जाएगी.

इसके अलावा राज्य ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा, "स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, ने हाल ही में 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में स्थित विभिन्न संयंत्रों से 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य के बाहर आवंटित किया था. वर्तमान रोगियों की संख्या को देखते हुए, यह उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में खपत का स्तर अगले कुछ हफ्तों में लगभग 450 मीट्रिक टन प्रति दिन बढ़ जाएगा. इसलिए पश्चिम बंगाल के लिए निर्धारित ऑक्सीजन बाहर भेजे जाने से कोविड रोगियों के इलाज में बाधा आएगी."

"पश्चिम बंगाल सरकार ने तदनुसार 22 अप्रैल को भारत सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य की आवश्यकता पर विचार करें और राज्य में उपलब्ध चिकित्सा ऑक्सीजन को कहीं और न दे."