पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा सख्ती बरते जाने के मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। राज्य में एक राजनीतिक समारोह के दौरान पुलिस द्वारा पत्रकारों की पिटाई करने के विरोध में पत्रकारों ने एक दिन पहले विरोध-प्रदर्शन किया।
ममता से जब पूछा गया कि क्या पत्रकारों की पिटाई करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, तो उन्होंने कहा, 'मैं इस सवाल का जवाब नहीं दूंगी।'
कोलकाता में सोमवार को वाम धड़े के 11 कृषक संगठनों ने सचिवालय तक रैली 'मार्च टू नबन्ना' का आयोजन किया था, जिसे कवर करने आए पत्रकारों की मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पिटाई की।
बंगाल के एक समाचार पत्र का संदर्भ देते हुए ममता ने तीखे तेवर के साथ कहा, 'पहले अपने पत्रकारों से सही बर्ताव करने के लिए कहिए। उन्हें कहिए कि वे राजनीति न करें।'
पुलिस ने जहां दावा किया है कि सिर्फ तीन पत्रकार घायल हुए हैं, वहीं रैली में मौजूद पत्रकारों का कहना है कि 20 पत्रकारों को पीटा गया। घटना के बाद कुछ पत्रकारों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
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बड़ी संख्या में पत्रकारों ने मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए पत्रकारों ने रवींद्रसदन से लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय तक मार्च किया।
पत्रकारों ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा और पत्रकारों पर इस तरह के हमले रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
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Source : IANS