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Corona Lockdown: NRI डॉक्टरों की आलोचना करना भारी पड़ी TMC सांसद महुआ मोइत्रा को

पश्चिम बंगाल की 75 प्रमुख शख्सियतों के एक समूह ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) चिकित्सकों की आलोचना करने पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को आड़े हाथों लिया है. इन चिकित्सकों ने हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य में कोविड-19 (Cor

Updated on: 04 May 2020, 01:58 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की 75 प्रमुख शख्सियतों के एक समूह ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) चिकित्सकों की आलोचना करने पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को आड़े हाथों लिया है. इन चिकित्सकों ने हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य में कोविड-19 (CoronaVirus Covid-19) की स्थिति पर चिंता जताई थी. यहां रविवार को जारी एक बयान में फिल्मकारों, अभिनेताओं, संगीतकारों और प्रोफेसरों समेत प्रमुख हस्तियों ने कहा कि 'महामारी के मद्देनजर एक सांसद की ऐसी प्रतिक्रिया से वे शर्मिंदा' हैं.

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में फिल्मकार बुद्धदेब दासगुप्ता, तरुण मजूमदार, कमलेश्वर मुखोपाध्याय और सुमन मुखोपाध्याय, कलाकार वसीम कपूर, अभिनेता सब्यसाची चक्रवर्ती, संगीतकार देबज्योति मिश्रा, प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा और शिक्षाविद् पवित्र सरकार शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अप्रैल के अंत में लिखे पत्र में 14 अनिवासी भारतीय डॉक्टरों ने राज्य में 'कोविड-19 के कारण हुई मौतों और संक्रमण की संख्या” के सही आंकड़े नहीं आने को लेकर चेताते हुए कहा था, 'वायरस के प्रसार पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा और यह राज्य को गहरे संकट की तरफ ले जाएगा.'

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इस पत्र के जवाब में मोइत्रा ने ट्वीट किया था, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को लिख रहे 14 में से 11 अनिवासी भारतीय डॉक्टर अमेरिका में हैं, दो ब्रिटेन में और एक जर्मनी में. पूरे सम्मान के साथ आपने कहीं और रहना, प्रैक्टिस करना और कर चुकाना तय किया. आपको सलाह है कि आप जिन देशों में रह रहे हैं, उनमें काम करें.'

मोइत्रा की निंदा करते हुए इन शख्सियतों ने कहा, 'वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने और अनावश्यक रूप से महामारी के राजनीतिकरण के लिये ओेछे आरोप लगाए गए थे, जिनकी आवश्यकता नहीं थी. हमें डर है कि कहीं संसद के एक प्रतिनिधि द्वारा ऐसी प्रतिक्रिया एनआरआई विशेषज्ञों को इस मुश्किल दौर में अपना ज्ञान और विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने से न रोके.' इसमें कहा गया कि आज, सबसे जरूरी है कि राज्य के अधिकारी छोटी बातों से ऊपर उठकर इस स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिये विशेषज्ञों की बात सुनें.