लॉकडाउन पर आमने सामने आए केंद्र और सीएम ममता बनर्जी, गृह मंत्रालय ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयीं और पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयीं और पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी

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Aditi Sharma
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West Bengal Assembly Election 2021

लॉकडाउन पर आमने सामने आए केंद्र और सीएम ममता बनर्जी( Photo Credit : फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ दिये जाने पर आपत्ति जताई है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयीं और पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मता बनर्जी ने कहा कि देश किसी ‘सांप्रदायिक वायरस’ से नहीं, बल्कि एक रोग से लड़ रहा है।. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है.  इस पत्र में कहा गया है, ‘ सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है.’

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इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज,गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बनाकर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. इनमें से ज्यादातर स्थान मुस्लिम बहुल हैं और राज्य BJP ने कई बार आरोप लगाया है कि इन इलाकों में लॉकडाउन का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं. पत्र में कहा गया है, ‘यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.’ मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरूद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं.

सीएम ममता बनर्जी का जबाव

इस पर बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार का दिलचस्पी कुछ विशेष इलाकों में ‘अतिरिक्त सतर्कता’ रखने में है।.उन्होंने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से कहा, ‘हम किसी सांप्रदायिक वायरस से नहीं लड़ रहे, बल्कि एक ऐसे रोग का सामना कर रहे हैं जो मानव के संपर्क से फैलता है. जब भी कोई दिक्कत आएगी तो वहां लॉकडाउन को लागू करने के कदम उठाए जाएंगे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दुकानें बंद रहें..हम नजर रख रहे हैं.’ पत्र में कहा गया है, ‘ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं.’

Source : Bhasha

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