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CM ममता ने सभी पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित किया, की शांति की अपील

ममता बनर्जी ने बताया कि उन्हें एक रिटर्निंग ऑफिसर का मैसेज मिला जिसमें उसने बताया कि अगर रीकाउंटिंग की गई तो उसकी जान को खतरा है. ममता ने आगे कहा कि अचानक से 4 घंटे तक सर्वर डाउन रहा.

Updated on: 03 May 2021, 04:10 PM

highlights

  • सभी पत्रकार कोरोना वॉरियरः ममता बनर्जी
  • नंदीग्राम के लिए अदालत में ममता करेंगी अपील
  • पश्चिम बंगाल की 213 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 213 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Benerjee) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Confrence) कर पत्रकारों की तारीफ की और कहा कि, मैं सभी पत्रकारों को COVID योद्धा घोषित करती हूं. सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि उन्हें एक रिटर्निंग ऑफिसर का मैसेज मिला जिसमें उसने बताया कि अगर रीकाउंटिंग की गई तो उसकी जान को खतरा है. ममता ने आगे कहा कि अचानक से 4 घंटे तक सर्वर डाउन रहा, इस बीच राज्यपाल ने भी आकर मुझे जीत की बधाई दे दी थी कि तभी अचानक से सबकुछ बदल गया.

सीएम ममता ने बताया कि इसके बाद मैंने सभी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखनेे की अपील की और किसी से भी हिंसा में शामिल न होने की अपील की. ममता बनर्जी ने आगे बताया कि हमें पता है कि बीजेपी और केंद्रीय बलों ने हमें कितना प्रताड़ति किया है. मौजूदा समय में हमे कोरोना से लड़ना है. 

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इसके पहले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला है. टीएमसी को चुनाव में 294 में से 213 सीटों पर जीत मिली है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भले खुद नंदीग्राम से अपनी सीट नहीं बचा पाईं लेकिन जल्द ही वह मुख्यमंत्री की शपथ लेंगी. आज शाम 7 बजे ममता बनर्जी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी. माना जा रहा है कि अगले एक दो दिन में ही सादा समारोह आयोजित कर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगी. सूत्रों का कहना है कि बंगाल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ने के बाद पार्टी ने कोई बड़ा समारोह आयोजित ना करने का फैसला लिया है. 

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ममता बनर्जी खुद नाक का प्रश्न बनी नंदीग्राम की सीट से हार गई हैं. उन्हें उन्हीं के खास सिपाहसालार रहे शुभेंदु अधिकारी ने उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में मामूली अंतर से हराया है. इस पर ममता बनर्जी ने अदालत की शरण लेने की बात की है. हालांकि टीएमसी सुप्रीमो भले ही चुनाव हार गई हों, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की राह में उन्हें कोई परेशानी नहीं है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत वह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं. अनुच्छेद 164 (4) कहता है, 'एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उसे पद छोड़ना पड़ेगा.' इसका मतलब यह है कि ममता बनर्जी को छह महीने के भीतर किसी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आना होगा.